चेन्नई, 10 मार्च (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को तमिलनाडु राज्य निर्वाचन आयोग (टीएनएसईसी) को एक हलफनामा दायर करके सलेम जिले की कुछ शहरी पंचायतों के लिए चार मार्च को निर्धारित चुनाव को अनिश्चितकाल के लिए टालने का कारण बताने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने 14 मार्च से पहले हलफनामा दायर करने का आदेश देते हुए कहा कि यदि हलफनामा ठीक नहीं हुआ तो वह सीसीटीवी फुटेज मंगाएगी।
पीठ निर्वाचित पार्षदों की ओर से दायर उन रिट याचिकाओं/पीआईएल पर अपना अंतरिम आदेश जारी कर रही थी, जिसमें उन्होंने चुनाव और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से सत्तारूढ़ द्रमुक द्वारा कई प्रकार की अनियमितताओं के आरोप लगाये हैं। याचिकाकर्ता पार्षदों में से ज्यादातर अन्नाद्रमुक सदस्य और निर्दलीय हैं।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि जब सलेम जिले की बेलूर, कादायमपट्टी, वनवासी और नंगावल्ली टाउन पंचायतों में परेाक्ष मतदान चार मार्च को शुरू हुआ, द्रमुक और इसके घटल दलों के पार्षदों ने गतिरोध पैदा कर दिया।
उनका कहना है कि उपद्रवियों ने हिंसक गतिविधियां शुरू कर दी और टेबल एवं कुर्सियां तोड़ने लगे। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने विरोधियों के साथ हाथापाई भी की, जबकि संबंधित पुलिस अधिकारी मूक दर्शक बने रहे। इसके बाद संबंधित अधिकारियों ने परोक्ष चुनाव को आगे के लिए टाल दिया। तिथि की घोषणा अभी नहीं हुई है।
इस बीच एक अन्य मामले में पीठ ने तंजावुर जिले की अदुथुरई टाउन पंचायत के परोक्ष चुनाव कराने वाले प्रभारी को शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत ने पूछा है कि आखिर उसने किन परिस्थितियों में चार मार्च को होने वाले चुनाव को टाला है।
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