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Saturday, 16 November, 2024
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‘बलात्कार’ पीड़ित के परिवार ने कहा- मुंह अंदर से जला हुआ था, आरोपी ने जबरन ‘टॉयलेट क्लीनर’ पिलाया

नाबालिग के पिता का दावा है कि उसने अपने दो सहयोगियों को उसी दिन इस घटना के बारे में बताया था. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, उसे जबरन तेजाब सरीखा कोई पदार्थ पिलाने की पुष्टि डाक्टरों ने भी की है.

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नई दिल्ली: दिल्ली की एक 15 साल की लड़की के परिवार ने इस महीने की शुरुआत में एक जूता कारखाने के प्रबंधक पर कथित रूप से बलात्कार करने का आरोप लगाया था. लड़की इस कारखाने में काम किया करती थी. परिवार ने दावा किया है कि उसने अपने दो सहयोगियों को जबरन उसे ‘टॉयलेट क्लीनर’ पिलाने की बात बतायी थी.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि नाबालिग की जांच करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि उसे एक तेजाब सरीखा पदार्थ का सेवन करने के लिए मजबूर किया गया था. दिल्ली पुलिस ने शनिवार को फैक्ट्री मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया. कथित घटना के दो सप्ताह बाद पुलिस को इसकी जानकारी दी गई थी.

लड़की के पिता ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा कि उसकी बेटी ने 2 जुलाई को काम से घर लौटने पर कुछ भी नहीं बताया. उसी दिन उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया था. लेकिन तीन दिन बाद अपने दो सहयोगियों को चुपचाप इस घटना के बारे में जानकारी दी थी. पिता ने आरोप लगाया कि उसी दिन 31 वर्षीय फैक्ट्री मैनेजर ने उसे जबरन टॉयलेट क्लीनर पिलाया था.

15 वर्षीय किशोरी का फिलहाल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज चल रहा है. उनके पिता ने बताया कि ‘वह बात नहीं कर सकती है, उसका मुंह अंदर से जल चुका है. वह कुछ भी नहीं पी पा रही है, पानी भी नहीं.’ उन्होंने कहा कि उनकी बेटी शुरू में केवल हाथ के इशारों से बात कर पा रही थी.

उन्होंने यह भी दावा किया कि आरोपी 2 जुलाई को यह कहते हुए लड़की को अपने घर ले गया था कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब है और उसे मदद की जरूरत है. दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने शनिवार को दिप्रिंट को बताया था कि आरोपी की पत्नी ने उस दिन लड़की के साथ मारपीट करते हुए उसे पकड़कर रखा हुआ था.

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), बाहरी जिला, समीर शर्मा के अनुसार, आरोपी पर आईपीसी की धाराओं के तहत बलात्कार, हत्या का प्रयास, सामान्य इरादे और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

उन्होंने पहले भी दिप्रिंट को बताया था कि इस संबंध में शुक्रवार को नांगलोई पुलिस स्टेशन में पहली बार एक पीसीआर कॉल की गई थी. पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि लड़की एम्स में भर्ती है. लेकिन शनिवार तक उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका क्योंकि डॉक्टरों के मुताबिक वह पहले अपना बयान देने के लायक नहीं थी.

पुलिस ने कहा कि पीड़िता के बयान और मेडिको लीगल रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया गया है.

डीसीपी शर्मा ने रविवार को मीडियाकर्मियों को बताया, ‘आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है. उनकी पत्नी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.’


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‘वह बहुत डरी हुई थी, उसने उसे धमकी दी थी’

लड़की के पिता के मुताबिक, 5 जुलाई को वह घर लौटी और बेहोश हो गई. जिसके बाद उसे संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया और 8 जुलाई को उसे एम्स रेफर कर दिया गया. लड़की के पिता को डेंगू होने के बाद उनके छह लोगों के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. परिवार की जरूरतों को देखते हुए लड़की ने लगभग 3-4 महीने पहले जूता कारखाने में काम करना शुरू किया था. उसे हर महीने 5,000 वेतन मिलता था.

किशोरी के पिता ने दिप्रिंट को बताया, ‘वह बहुत डरी हुई थी. आरोपी और उसकी पत्नी दोनों ने उसे धमकाया था, इसलिए उसने 2 जुलाई को कुछ नहीं कहा और काम पर चली गई. 5 जुलाई को उसने काम पर अपने दो दोस्तों को इस बारे में बताया. उन्होंने ही उसे हमें कारखाने में लाने के लिए कहा था. उन्होंने आरोपी को फोन भी किया लेकिन वह नहीं आया. जब वह हमें लेने के लिए घर जा रही थी, तो आरोपी ने उसे रोक लिया और जबरन उसे टॉयलेट क्लीनर पिला दिया. घर पहुंचने के तुरंत बाद वह गिर गई, इसलिए हमें नहीं पता कि क्या हुआ था.’

उन्होंने आगे कहा, अगले दिन उनकी बेटी के सहयोगियों ने उन्हें बताया कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया था. वह कहते हैं, ‘मैंने आरोपी को फोन किया. वह इनकार करता रहा लेकिन मुझे पता था कि वह झूठ बोल रहा है. चूंकि मेरी बेटी ने घर पर किसी को कुछ नहीं बताया था, इसलिए हमें पक्का पता नहीं था. हम बस यही चाहते थे कि वह ठीक हो जाए और अपना बयान दर्ज कराए. शुक्रवार को वह थोड़ी बेहतर दिखीं लेकिन अपना बयान दर्ज नहीं करा सकीं.

उन्होंने कहा, ‘मैं 6 जुलाई को आरोपी से मिला और उससे कहा कि मैं उसे छोड़ूंगा नहीं. लेकिन मेरे पास किसी भी चीज का कोई सबूत नहीं था.’ उन्होंने कहा कि वे आरोपी और उसकी पत्नी को छह महीने से ज्यादा समय से जानते हैं.

उन्होंने आगे कहा, ‘वह पहले हमारे घर के पास काम करता था. अब वह और उसकी पत्नी दोनों जूता फैक्ट्री में लगे हुए थे. उस आदमी ने मेरी बेटी से कहा कि उसकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वह उसे घर ले गया. जब वह उसके घर पहुंची तो देखा कि उसकी पत्नी तो ठीक-ठाक लग रही है. वह वहां से जाने लगी तो उसकी पत्नी ने उसका हाथ पकड़ कर दरवाजा बंद कर लिया.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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