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Friday, 22 November, 2024
होमदेशदिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन बिना उखड़ती सांसें, जयपुर गोल्डन के बाद सर गंगाराम में भी 25 मरीजों की मौत

दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन बिना उखड़ती सांसें, जयपुर गोल्डन के बाद सर गंगाराम में भी 25 मरीजों की मौत

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में पिछले 24 घंटे में गंभीर रूप से बीमार 25 कोविड मरीजों की मौत हो गयी जबकि कई और मरीजों की जिंदगी जीवन रक्षक ऑक्सीजन गैस की कमी के कारण दांव पर लगी है.

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नई दिल्ली: दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में पिछले 24 घंटे में गंभीर रूप से बीमार 25 कोविड मरीजों की मौत हो गयी जबकि कई और मरीजों की जिंदगी जीवन रक्षक ऑक्सीजन गैस की कमी के कारण राष्ट्रीय राजधानी में दांव पर लगी है.

सूत्रों ने बताया कि शहर के बड़े और प्रतिष्ठित अस्पतालों में से एक में हुई इस घटना के पीछे संभावित वजह ‘कम दबाव वाली ऑक्सीजन’ हो सकती है जहां स्वास्थ्य कर्मी आईसीयू और आपातकालीन कक्षों में गैर मशीनी तरीके से वेंटिलेशन का काम कर रहे हैं. अस्पताल ने सुबह आठ बजे के करीब मौतों की घोषणा की.

सर गंगाराम अस्पताल (एसजीआरएच) के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह में अभूतपूर्व संकट के बाद, एक ऑक्सीजन टैंकर सुबह करीब नौ बजकर 20 मिनट पर अस्पताल पहुंचा. यह खेप करीब पांच घंटे के लिये पर्याप्त है जो ऑक्सीजन की खपत पर निर्भर करता है.

शाम तक कोई और खेप नहीं पहुंची थी और अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें आपूर्ति का इंतजार है.

सर गंगाराम अस्पताल में तत्काल ऑक्सीजन पहुंचाने का आग्रह

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सर गंगाराम अस्पताल में ऑक्सीजन की तत्काल आपूर्ति करने का शनिवार को आग्रह किया.

उन्होंने कहा कि वहां स्थिति बहुत खराब है और मरीजों की हालत नाजुक है.

ऑक्सीजन के लगातार कम होते स्तर से जूझ रहे अस्पताल को शुक्रवार की रात ऑक्सीजन टैंकर मिला. अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक वहां 500 से अधिक कोविड-19 मरीज भर्ती हैं जिनमें से 140 को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत है.

आपूर्ति घटने के बाद उसे डेढ़ टन ऑक्सीजन मिली. अधिकारियों के मुताबिक अस्पताल में 200 घन मीटर ऑक्सीजन ही बची थी जब उसके भंडार को फिर से भरा गया.

एक अधिकारी ने कहा, ‘लेकिन यह भी महज दो घंटे तक चलेगी.’

गुप्ता ने ट्वीट किया, ‘सर गंगाराम अस्पताल के प्रमुख डॉ डी एस राणा से अभी-अभी बात की. उन्होंने मुझे बताया कि ऑक्सीजन खत्म होने से स्थिति और खराब हो गई है. मैं उपराज्यपाल व अरविंद केजरीवाल से तत्काल आधार पर अस्पताल को ऑक्सीजन मुहैया करने का आग्रह करता हूं क्योंकि वहां मरीजों की हालत नाजुक है.’

एसजीआरएच के चेयरमैन डॉ डी एस राणा ने कहा, ‘यह कहना गलत है कि मौतें ऑक्सीजन की कमी से हुई. हमने गैर मशीनी तरीकों से मरीजों को ऑक्सीजन दी जब आईसीयू में दबाव घट गया था.’

बड़े और छोटे अस्पताल जब घंटे और मिनटों के हिसाब से ऑक्सीजन खपत का अनुमान लगा रहे हैं उस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शहर में ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भावुक अपील की थी.

संक्रमण के ज्यादा मामले वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक खत्म होने के कुछ मिनटों बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा कि अस्पतालों में प्राणवायु की भारी कमी के बीच कोविड रोगियों की जान बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने भारतीय रेलवे से ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन सेवा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.

शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के बाद दिल्ली ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ की सेवा प्राप्त करने वाला चौथा राज्य होगा.

एक बयान के मुताबिक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हर राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी ऑक्सीजन टैंकर भले ही उसका गंतव्य कुछ भी हो उसे रोका न जाए न ही वह कहीं फंसे.

मोदी ने यह भी कहा कि रेलवे और वायुसेना को ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही में लगने वाला समय कम करने के लिये तैनात किया गया है और राज्यों को कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ जंग में केंद्र के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया.


यह भी पढ़ें: दिल्ली HC ने ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित करने वालों को चेताया- ‘हम किसी को भी नहीं बख्शेंगे, लटका देंगे’


ऑक्सीजन संकट से उखड़ती सांसे

सरकारी तंत्र से जुड़े लोग जहां इस संकट से उबरने की रणनीति को लेकर जूझते दिखे वहीं गंगा राम के चेयरमैन राणा ने शहर के सभी अस्पतालों के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि बीते चार दिनों से वे ऑक्सीजन की आपूर्ति के संकट का सामना कर रहे हैं जबकि कोरोना मरीजों की संख्या विस्फोटक है.

उन्होंने कहा, ‘हमें सिर्फ निर्बाध और समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति चाहिए.’

उनके अस्पताल में करीब 500 कोविड मरीज भर्ती हैं जिनमें से 150 को ऑक्सीजन के उच्च प्रवाह की आवश्यकता है.

अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘वेंटिलेटर और बीपीएपी मशीनें प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रही हैं. 60 अन्य बहुत बीमार मरीजों की जान जोखिम में हैं. बहुत बड़े संकट की आशंका है.’

ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत मैक्स अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में भी दिखी.

भले ही वहां एक भी मरीज की मौत नहीं हुई हो लेकिन मैक्स हेल्थकेयर ने संकट का संकेत देते हुए सुबह सात बजकर 43 मिनट पर कहा कि उसके पास बस ‘एक घंटे की ऑक्सीजन आपूर्ति’ बची है और करीब 700 मरीज वहां भर्ती हैं.

इसने कहा ‘संकट- मैक्स स्मार्ट हॉस्पिटल और मैक्स हॉस्पिटल साकेत में ऑक्सीजन की आपूर्ति एक घंटे से भी कम बची है. आईनॉक्स से ताजा आपूर्ति की देर रात एक बजे से ही इंतजार कर रहे हैं. करीब 700 मरीज भर्ती हैं, तुरंत मदद की जरूरत है.’

दो घंटे बाद, करीब 9:35 पर अस्पताल ने एक ट्वीट कर पुष्टि की कि उसे आपातकालीन आपूर्ति मिल गई है जो ‘अगले दो घंटे तक चल पाएगी.

अस्पतालों के बाहर भी, निराशाजनक दृश्य बढ़ते जा रहे हैं. एंबुलेसों की कतार लगी हुई है, मरीज स्ट्रेचरों पर प्रतीक्षा कर रहे हैं, इनमें से कुछ सांस की तकलीफ झेल रहे हैं और परिवार के लोग और दोस्त अपने प्रियजनों के लिए अस्पताल में बिस्तर जुटाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.

बृहस्पतिवार को, दिल्ली में कोविड-19 से 306 लोगों की मौत हुई और 26,169 मामले सामने आए और यहां संक्रमण दर बढ़कर 36.24 प्रतिशत हो गई है. शहर के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं और कुछ ने दिल्ली सरकार से मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजने का भी आग्रह किया है.

जीटीबी अस्पताल में खबरों के मुताबिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जिससे अंदर मौजूद चिकित्सक बाहर के हालात की निगरानी कर सकें.

वसंत कुंज स्थित इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर ने भी शाम चार बजकर 20 मिनट पर ट्वीट किया कि उसके पास सिर्फ एक और घंटे के लिए ऑक्सीजन बची है और यथाशीघ्र मदद का अनुरोध किया.

उसने ट्वीट किया, ‘हम बीती रात से आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब तक कामयाबी नहीं मिली है. कृपया यथाशीघ्र हमारी मदद करें.’

ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टैग किया गया था.

गुरुग्राम के आर्टेमिस अस्पताल ने भी ऐसा ही अनुरोध किया और पूर्व में किये गए ट्वीट को टैग करते हुए कहा कि समय बीतता जा रहा है.

अस्पताल ने शाम पांच बजकर छह मिनट पर ट्वीट किया, ‘आर्टेमिस अस्पताल को अब भी ऑक्सीजन की आपूर्ति का इंतजार है. बमुश्किल ही ऑक्सीजन बची है. हम सरकार से अनुरोध पूरा करने और जिंदगी बचाने में मदद की मांग करते हैं.’

दक्षिण दिल्ली के ओखला स्थित होली फैमिली अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उन्हें दिल्ली सरकार से आपात ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है लेकिन ‘इससे छह घंटों तक ही काम चल सकता है.’

आप विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि 20 डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर एक अतिरिक्त वाहन को होली फैमिली अस्पताल भेजा गया है.

हर बीतते घंटे के साथ आपूर्ति की गंभीर होती स्थिति के मद्देनजर दिल्ली के दो अस्पतालों ब्रम हेल्थ केयर लिमिटेड और बत्रा हॉस्पीटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया.

इस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने अस्पतालों और नर्सिंग होम से कहा कि गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिये चिकित्सीय ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिये पहले यहां आप सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों से संपर्क करें.

इसबीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते अपर्याप्त संसाधनों और स्टाफ की कमी के कारण कोरोना वायरस के संक्रमितों के संपर्क में आए स्वास्थ्य कर्मियों की जांच और बिना लक्षण वाले संपर्कों के पृथक-वास को बंद करने का फैसला किया है.

एम्स के निदेश रणदीप गुलेरिया की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई कोविड-19 समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया.


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