नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि अगले छह .सात दिन में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बहुत भारी स्तर की बारिश होने का पूर्वानुमान है।
विभाग ने कहा कि इस अवधि के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में मानसून सक्रिय रहेगा।
विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और झारखंड में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है जबकि झारखंड और ओडिशा में कुछ दिनों में भारी बारिश हो सकती है।
आईएमडी ने कहा कि कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में कुछ स्थान पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
विभाग ने कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ में भी अगले सात दिन में भारी बारिश हो सकती है जबकि इस अवधि के दौरान पूर्वोत्तर भारत में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी स्तर की बारिश होने का पूर्वानुमान है।
आईएमडी ने कहा कि तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक में सप्ताह के कुछ दिन में भारी बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने सोमवार को, जुलाई में देश में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया था और बाढ़ के खतरे के कारण मध्य भारत, उत्तराखंड और हरियाणा के अधिकारियों और लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।
विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर के बड़े हिस्से, पूर्वी भारत के कई इलाकों और दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में बारिश सामान्य से कम होने का पूर्वानुमान है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने एक ऑनलाइन प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि मध्य भारत और उससे सटे दक्षिणी प्रायद्वीप में भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
उन्होंने कहा कि इसमें पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, विदर्भ और तेलंगाना के आसपास के इलाके और गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से शामिल हैं।
महापात्रा ने कहा, ‘हमें गोदावरी, महानदी और कृष्णा जैसी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों पर नजर रखनी चाहिए। हमें ऊपरी महानदी जलग्रहण क्षेत्र में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना का पता चला है, जिसमें छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश शामिल हैं। इस क्षेत्र में कई अन्य नदियां हैं। हमें वर्षा की गतिविधि और जलाशयों में जल स्तर पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हरियाणा में भी अच्छी बारिश की उम्मीद है। महापात्रा ने कहा, ‘इस क्षेत्र में दिल्ली समेत कई शहर और विभिन्न कस्बे शामिल हैं। दक्षिण की ओर बहने वाली कई नदियां उत्तराखंड से निकलती हैं। हमें इन सभी नदी जलग्रहण क्षेत्रों, शहरों और कस्बों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए।’
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