इंदौर: देश में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के मद्देनज़र पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने रविवार को सुझाया कि आगामी चुनावों के प्रचार के दौरान महामारी से बचाव के दिशा-निर्देश तोड़े जाने पर प्रशासन को आयोजकों पर भारी जुर्माना लगाना चाहिए ताकि चुनावी प्रक्रिया अनुशासित तरीके से पूरी हो सके.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह बात ऐसे वक्त कही, जब राज्य के 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा से पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी कांग्रेस के आला नेताओं ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है. इन नेताओं के भीड़ भरे कार्यक्रमों में कोरोनावायरस से बचाव के दिशा-निर्देशों के कथित उल्लंघन की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं.
रावत ने कहा, ‘केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने कोरोनावायरस संक्रमण काल के दौरान आगामी आम चुनावों और उपचुनावों के आयोजन को लेकर काफी पहले ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में प्रशासन को इनका सख्ती से पालन कराना चाहिए और इनके उल्लंघन पर आयोजकों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘अगर चुनाव प्रचार के किसी कार्यक्रम में इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है तो प्रशासन को संबंधित कानूनी कदम उठाने के साथ ही आयोजकों पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान भी करना चाहिए. इससे आयोजकों में अपने आप अनुशासन आ जाएगा.’
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने जोर देकर कहा, ‘हमारे देश में यह मानसकिता बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि परीक्षा सिर पर आने पर ही पढ़ाई शुरू की जाती है. फिलहाल भले ही आगामी चुनावों और उपचुनावों की आदर्श आचार संहिता लागू नहीं हुई है लेकिन प्रशासन को संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कराना अभी से सुनिश्चित करना होगा.’
कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच देश में चुनावी आयोजनों को लेकर जारी बहस पर रावत ने कहा, ‘कोरोनावायरस संकट के दौरान गुजरे महीनों में दक्षिण कोरिया और पोलैंड के साथ ही भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में भी चुनाव कराए गए हैं. भारत का निर्वाचन आयोग भी इस दौर में महामारी से बचाव के उपाय सुनिश्चित करते हुए चुनाव कराने में पूरी तरह सक्षम है.’
गौरतलब है कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने कोरोनावायरस संक्रमण काल में आम चुनावों और उपचुनावों को लेकर अगस्त में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे. इनमें यह भी कहा गया था कि संबंधित राजनीतिक दल और उम्मीदवार सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव प्रचार से जुड़े हरेक जमावड़े में मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनिंग आदि साधनों का उपयोग किया जाए.
निर्वाचन आयोग ने कहा था कि दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना) के साथ ही आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत कानूनी कदम उठाए जाएंगे.
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