दिल्ली/जयपुर, 11 जून (भाषा) उत्तर-पश्चिम एवं मध्य भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और राजस्थान के श्रीगंगानगर में तापमान बुधवार को 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो देश में सबसे अधिक था। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में उष्मा सूचकांक खतरनाक 51.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
उष्मा सूचकांक वह तापमान है, जो सापेक्ष आर्द्रता के वायु के तापमान के साथ मिलने पर मानव शरीर को महसूस होता है।
दिल्ली के विभिन्न मौसम केंद्रों में तापमान 40.9 से 45.0 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।
मौसम विभाग ने बताया कि शाम 5.30 बजे दिल्ली का आयानगर 45 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म इलाका रहा, जबकि पालम में 44.5 डिग्री, रिज में 43.6 डिग्री, पीतमपुरा में 43.5 डिग्री, लोधी रोड में 43.4 डिग्री, मयूर विहार में 40.9 डिग्री और सफदरजंग में 43.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 13 जून तक भीषण गर्मी जारी रहने का अनुमान है, हालांकि उसके बाद, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश से कुछ राहत मिल सकती है।
आईएमडी ने यह भी बताया कि 26-27 मई से महाराष्ट्र के तट के पास रुके दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले दो से तीन दिनों में फिर से सक्रिय होने की उम्मीद है।
विभाग ने बताया कि भारत में मानसून के जल्दी दस्तक देने से मई में सामान्य से अधिक ठंड रही और साथ ही देश के उत्तर-पश्चिम और मध्य हिस्सों में गरज के साथ बारिश हुई।
विभाग के मुताबिक, लेकिन जून की शुरुआत से बारिश की कमी के कारण तापमान में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे आठ-नौ जून से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में लू की स्थिति पैदा हो गई है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्यप्रदेश में कम से कम 22 स्थानों पर बुधवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक दर्ज किया गया।
आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान के श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस अधिक 48 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो देश में सबसे अधिक था।
राजस्थान के अन्य हिस्सों जैसे चित्तौड़गढ़ (45.7 डिग्री सेल्सियस), चूरू और फलौदी (45.8 डिग्री सेल्सियस प्रत्येक) और जयपुर (44.4 डिग्री सेल्सियस) में भी भीषण गर्मी दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश के आगरा में अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री और औराई में 45.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
हरियाणा के रोहतक में अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री और हिसार में 44.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
वहीं, पंजाब के अमृतसर (45.8 डिग्री सेल्सियस) और जम्मू (44.4 डिग्री सेल्सियस) में भी अधिक तापमान दर्ज किया गया। यहां तक कि पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में भी पिछले कुछ दिनों से सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान ऊना में 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों के लिए 12 और 13 जून को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है।
‘रेड अलर्ट’ का मतलब है कि तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है।
आईएमडी ने बताया, “अगले दो से तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव होने का अनुमान नहीं है। हालांकि, इसके बाद तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।”
भीषण गर्मी के कारण बिजली ग्रिड पर दबाव बढ़ रहा है और उत्तर प्रदेश, पंजाब व आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बिजली की मांग में वृद्धि दर्ज की गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को उत्तर प्रदेश आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (ईएसएमए), 1966 के प्रावधानों को लागू करते हुए छह महीने के लिए बिजली विभाग में हड़ताल पर रोक लगा दी।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि बाहर काम करने वाले लोगों, बुजुर्गों और बच्चों को गर्मी में लू लगने का सबसे अधिक खतरा है।
पिछले वर्ष भारत के अस्पतालों में लू के लगभग 48,000 मामले सामने आए थे और अत्यधिक गर्मी के कारण 159 लोगों की मौत हुई थी।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, 2015 से 2022 के बीच अस्पतालों के बाहर अत्यधिक गर्मी के कारण 8,171 लोगों की मौत हुई थी।
‘पीटीआई-भाषा’ को मिले स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला कि इस अवधि के दौरान अस्पतालों में गर्मी से संबंधित 3,812 मौतें दर्ज की गई थीं।
भाषा जितेंद्र पारुल
पारुल
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