नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की उस याचिका पर 12 अगस्त को सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने एक शराब कंपनी को उसकी व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर लगे प्रतिबंध से राहत दिलाने में मदद करने के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है।
कार्ति ने दलील दी है कि एक जनवरी को ‘‘बहुत देरी’’ से यह ‘‘अवैध’’ प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह कदम दुर्भावनापूर्ण था और ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध एवं शासन के प्रतिशोध की भावना’’ से प्रेरित था।
कांग्रेस सांसद के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार का यह चौथा मामला पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2018 में सीबीआई की ओर से की गई प्रारंभिक जांच से उपजा है।
यह मामला कटरा होल्डिंग्स, एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल), कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ दर्ज किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि चूंकि, सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति हासिल किए बिना अज्ञात लोकसेवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, इसलिए इसका पंजीकरण गैरकानूनी था और कोई भी पूछताछ या जांच भी अवैध थी।
इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए किसी भी आरोप का प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता।
अधिकारियों ने नौ जनवरी को बताया था कि सीबीआई ने आईटीडीसी (भारत पर्यटन विकास निगम) की ओर से मादक पेय कंपनी डियाजियो स्कॉटलैंड की व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध से कंपनी को कथित तौर पर पैसे लेकर राहत दिलाने के आरोप में कार्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
प्राथमिकी के मुताबिक, यह मामला एएससीपीएल को डियाजियो स्कॉटलैंड और सिकोइया कैपिटल्स की ओर से किए गए कथित संदिग्ध भुगतान से संबंधित है, जो कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन द्वारा नियंत्रित इकाई है।
सीबीआई का आरोप है कि आईटीडीसी, जिसके पास भारत में आयातित शुल्क मुक्त शराब की बिक्री पर एकाधिकार था, ने अप्रैल 2005 में भारत में डियाजियो समूह के शुल्क मुक्त उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसके परिणामस्वरूप डियाजियो स्कॉटलैंड को भारी नुकसान हुआ, क्योंकि भारत में उसका 70 फीसदी कारोबार जॉनी वॉकर व्हिस्की की बिक्री से जुड़ा था।
दिल्ली की एक अदालत ने 10 जनवरी को सीबीआई को मामले में कार्ति को गिरफ्तारी से तीन दिन पहले लिखित नोटिस देने का निर्देश दिया था।
भाषा पारुल नेत्रपाल
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