नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय चुनावी बॉण्ड के जरिये राजनीतिक दलों को धन उपलब्ध कराने की अनुमति संबंधी कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयास के तहत राजनीतिक दलों को दी जाने वाली नकद राशि के विकल्प के तौर पर बॉण्ड की शुरुआत की गयी है।
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई कर सकती है।
एनजीओ की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने गत पांच अप्रैल को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण के समक्ष मामले का उल्लेख किया था और कहा था कि यह मामला बहुत ही गंभीर है तथा इसकी त्वरित सुनवाई की जरूरत है।
उस वक्त शीर्ष अदालत ने एनजीओ की याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी, लेकिन इसे अब तक सूचीबद्ध नहीं किया जा सका था।
सरकार ने चुनावी बॉण्ड योजना दो जनवरी 2018 को अधिसूचित की थी।
भाषा सुरेश दिलीप
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