scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमदेशहेट स्पीच मामला : अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा के खिलाफ FIR की याचिका, SC ने सुनवाई 14 अगस्त तक टाली

हेट स्पीच मामला : अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा के खिलाफ FIR की याचिका, SC ने सुनवाई 14 अगस्त तक टाली

केएम जोशप और बीवी नागारत्ना की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस के जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग पर सुनवाई टाल दी.

Text Size:

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2020 में दिल्ली दंगों के दौरान कथित हेट स्पीच मामले में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा के खिलाफ सीपीआई(एम) नेता वृंदा करात की एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 14 अगस्त तक टाल दी है.

केएम जोशप और बीवी नागारत्ना की एक खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस के जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग पर सुनवाई टाल दी. याचिका में दिल्ली पुलिस से हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है, पीठ ने मामले पर सुनवाई 14 अगस्त तक टाल दी है.

इससे पहले शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस को तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था. तब सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा था कि प्रथमदृष्टया मजिस्ट्रेट का यह कहना कि भाजपा के दोनों नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मंजूरी की जरूरत है, सही नहीं हो सकता.

शीर्ष अदालत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेताओं करात और केएम तिवारी द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट के 13 जून, 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें वह निचली अदालत के कथित हेट स्पीचेज को लेकर ठाकुर और वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी.

हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि कानून के मुताबिक, वर्तमान तथ्यों को देखते हुए एफआईआर दर्ज करने के लिए सक्षम प्राधिकारी से अपेक्षित इजाजत लेना आवश्यक है.

उच्च न्यायालय ने इस बात पर ध्यान दिया कि दिल्ली पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच की थी और निचली अदालत को बताया था कि प्रथमदृष्टया कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता और किसी भी जांच का आदेश देने के लिए, निचली अदालत को तथ्यों का संज्ञान लेना जरूरी है और बिना वैध मंजूरी के इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती.

दोनों नेताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान कथित भाषण दिए थे जब एंटी सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) को लेकर शहर में विरोध चल रहा था.


यह भी पढ़ें : UP निकाय चुनाव में BJP के 60 से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को मिली जीत- विशेषज्ञों ने कहा, दिखावा


 

share & View comments