चंडीगढ़, चार मई (भाषा) पंजाब सरकार के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने रविवार को कहा कि उनका राज्य हरियाणा को एक बूंद भी पानी नहीं देगा और उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र एवं हरियाणा सरकार पर इसे ‘लूटने’ की कोशिश करने का आरोप लगाया।
धाालीवाल का यह बयान हरियाणा में सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद आया है, जिसमें पंजाब सरकार से बिना शर्त पानी छोड़ने को कहा गया था।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के पानी छोड़ने के निर्देश का पालन न करना ‘असंवैधानिक, अमानवीय’ एवं संविधान के संघीय ढांचे पर हमला है।
पंजाब एवं हरियाणा के बीच जल बंटवारे का मुद्दा आप सरकार द्वारा अपने पड़ोसी राज्य को और पानी देने से इनकार करने और भाजपा सरकार के उन बयानों के साथ बढ़ गया है कि वह हरियाणा के ‘पानी के उचित हिस्से’ की रक्षा करेगी।
पंजाब के प्रवासी मामलों के मंत्री धालीवाल ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य के हिस्से के पानी के लिए लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह घर का मुखिया परिवार चलाने के लिए एक-एक रुपया बचाता है, उसी तरह पंजाब के नेता भगवंत सिंह मान अपने किसानों और पंजाबियों के लिए पानी की एक-एक बूंद बचा रहे हैं, और पड़ोसी भाजपा सरकार इसे अवैध रूप से लूटने की कोशिश कर रही है।’’
धालीवाल ने कहा, ‘‘मैं अपने नेता के साथ खड़ा हूं। हम पानी की एक भी बूंद नहीं देंगे।’’
पंजाब सरकार के मंत्री ने भाखड़ा बांध से पानी लेने की कोशिश के लिए केंद्र पर निशाना साधा।
धालीवाल ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं होगा। पानी का इस्तेमाल पंजाब के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए किया जाएगा। हमारे पास पानी नहीं है, हम और पानी नहीं दे सकते।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘यह पानी हमसे छीना जा रहा है। हम पंजाबी हैं, पंजाब के बेटे हैं, हम केंद्र और हरियाणा को पानी की एक बूंद भी नहीं छीनने देंगे।’’
इस साल जल बंटवारे का मुद्दा तब शुरू हुआ जब आप शासित पंजाब ने हरियाणा को और पानी देने से इनकार कर दिया और दावा किया कि उसने ‘आवंटित पानी का 103 प्रतिशत मार्च तक इस्तेमाल कर लिया है।’
पंजाब सरकार ने हरियाणा को अधिक पानी देने के भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है।
आप सरकार ने यह भी कहा है कि उसे आगामी धान की बुआई के लिए पानी की जरूरत है, इसलिए उसके पास एक भी अतिरिक्त बूंद नहीं है।
भाषा रंजन सुरेश
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