हरदा (मप्र), 14 जुलाई (भाषा) करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर को सोमवार को मध्य प्रदेश में हरदा की जेल से सशर्त रिहा कर दिया गया। एक अधिकारी ने यह जारी दी।
इससे एक दिन पहले उन्हें एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस प्रदर्शन के दौरान भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
अधिकारी ने बताया कि शेरपुर ने यह लिखित आश्वासन दिया कि वह हरदा में विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगे जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें और चार अन्य को रिहा कर जिले की सीमा के बाहर भेज दिया। उन्होंने बताया कि अन्य व्यक्तियों को भी जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।
अपनी रिहाई के बाद सिंह ने एक वीडियो जारी कर कार्यकर्ताओं से हरदा नहीं आने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘हममें से चार को रिहा कर दिया गया है, जबकि 54 कार्यकर्ता अब भी हिरासत में हैं। उम्मीद है कि उन्हें भी जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।’’
शेरपुर ने कहा कि वह अपने मुद्दों को शांतिपूर्ण और कानूनी तरीके से उठाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम न तो सरकारी एवं न ही निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएंगे और न ही किसी के साथ समझौता करेंगे। हमारी लड़ाई न्यायिक और लोकतांत्रिक तरीके से लड़ी जाएगी।’’
रविवार को स्थिति तब बिगड़ गई जब करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने अपने एक नेता आशीष राजपूत से जुड़े कथित धोखाधड़ी के मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। आशीष राजपूत का दावा है कि हीरे से संबंधित एक सौदे में उनके साथ 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई।
राजपूत ने तीन लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और त्वरित कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
विरोध प्रदर्शन में शामिल शेरपुर को भी हिरासत में लिया गया।
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने पुत्र एवं विधायक जयवर्धन सिंह के साथ हरदा में करणी सेना परिवार के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और लाठीचार्ज की घटना की न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने हरदा जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटाए जाने की भी मांग की।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि पुलिस कार्रवाई अनावश्यक थी।
उन्होंने कहा, ‘‘लाठीचार्ज हर समस्या का समाधान नहीं है। मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव से आग्रह करता हूं कि वे प्रदर्शनकारी नेताओं से बातचीत करके इस मामले को सुलझाएं।’’
भाषा सं ब्रजेन्द्र सिम्मी
सिम्मी
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