गुवाहाटी, 15 दिसंबर (भाषा) असम की राजधानी गुवाहाटी में 17 दिसम्बर को ‘10वें प्राइड मार्च’ का आयोजन किया जाएगा, जिसके जरिये क्वीर समुदाय अपनी स्वीकार्यता में और बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहा है।
कार्यक्रम से जुड़े कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को दावा किया कि क्वीर समुदाय की मौजूदगी और व्यापक स्वीकार्यता ‘प्राइड मार्च’ की प्रमुख उपलब्धियों में से एक रही है।
उन्होंने कहा कि 2014 में पहले प्राइड मार्च के दौरान चंद लोगों ने बाहर आकर खुद को क्वीर समुदाय का हिस्सा बताया था, जबकि अब इसमें असंख्य लोगों के खुले तौर पर शामिल होने की उम्मीद है तथा यह एक और मील का पत्थर है।
विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर काम करने वाले समूह ‘अनाजोरी’ के मिलिन दत्ता ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमने फरवरी 2014 में जब पहला प्राइड मार्च आयोजित किया था, तब मैं अपनी लैंगिक पहचान खुलकर जाहिर नहीं कर पाता था। यहां तक कि इसे लेकर परिवार के कुछ सदस्यों से झगड़ा भी हुआ। दस साल बाद, हम लगभग 1,000 प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश क्वीर समुदाय से होंगे।”
उन्होंने कहा कि 10 साल पहले यहां पहली प्राइड परेड में लगभग 150 लोगों ने हिस्सा लिया था। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में आयोजित होने वाला ऐसा पहला कार्यक्रम था।
उन्होंने कहा कि तब से, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और मोरीगांव समेत असम के लगभग 10 जिलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
सत्रह दिसंबर को होने वाली वार्षिक परेड का आयोजन क्वीर प्राइड गुवाहाटी द्वारा किया जा रहा है, जो क्वीर-पहचान वाले स्वयंसेवकों और सहयोगियों का एक समूह है।
आयोजकों ने कहा कि प्राइड मार्च में 850 से अधिक क्वीर समेत 1,000 से अधिक लोगों के भाग लेने की संभावना है।
भाषा जोहेब सुरेश
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