नई दिल्ली: गुरुग्राम के सेक्टर-12 में जुमे की नमाज को लेकर हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के जारी विरोध के बीच बृहस्पतिवार वहां के सदर बाजार गुरुद्वारा ने अच्छी पहल करते मुस्लिमों को गुरुद्वारे में नमाज का पेशकश की है.
गौरतलब है कि यहां खुले में नमाज अदा करने को लेकर हिंदू दक्षिणपंथी संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं.
गुरुद्वारा के अध्यक्ष शेरदिल सिंह सिंधू ने गुरुद्वारे में नमाज की पेशकश करते हुए कहा, ‘यह ‘गुरु घर है’. यह सभी समुदाय के लिए बिना किसी भेदभाव के खुला है. यहां पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. मुस्लिम भाईयों के लिए जुमे की नमाज अदा करने के लिए बेसमेंट खुला है.’
Gurugram's Sadar Bazaar Gurudwara offers space for Namaz
It's 'Guru Ghar', open for all communities with no discrimination. There shouldn't be any politics here. Basement is now open for Muslim brothers who want to offer 'Jumme ki namaz': Sherdil Singh Sidhu Gurudwara president pic.twitter.com/6gNW3eSuAz
— ANI (@ANI) November 18, 2021
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर खाली जगह हो तो मुस्लिमों की नमाज की इजाजत मिलनी चाहिए और हमें इस अच्छे काम के लिए लड़ना नहीं चाहिए. जो लोग खुले में नमाज पढ़ रहे थे, उन्होंने प्रशासन की अनुमति मांगी थी और जिन लोगों को समस्या थी, उन्हें हमला करने से पहले प्रशासन से संपर्क करना चाहिए था.’
गौरतलब है कि गुरुग्राम के सेक्टर-12 में खुले नमाज पढ़ने का हिंदू संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं.
तीन साल पहले, जिला प्रशासन ने शहर में मुसलमानों के लिए जुमे की नमाज़ अदा करने के वास्ते 37 स्थान निर्धारित किए थे जिसके बाद कुछ हिंदू समूहों ने विरोध किया था.
कुछ महीने पहले एक समूह ने खुले में नमाज़ पढ़ने का विरोध शुरू किया, जिसके बाद शुक्रवार दिन प्रदर्शन हो रहा था.
वहीं हिंदू दक्षिणपंथी समूह बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सदस्य 22 अक्टूबर को गुरुग्राम के सेक्टर-12 स्थित एक मैदान में जमा हुए थे, जहां करीब 100-150 मुसलमान जुमे की नमाज अदा कर रहे थे. हिंदू समूहों ने इसके बाद कथित तौर पर स्पीकर पर भजन आदि बजाने शुरू कर दिए थे, और ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष लगाए थे.
इसके बाद से लागातार मुस्लिम समाज के लोग इन जगहों पर पुलिस की मौजूदगी में नमाज अदा कर रहे हैं.
पत्रकार राहुल देव बोले
उन्होंने आगे लिखा है, ‘मस्जिदों में पूजा, गुरुग्रंथ साहिब का पाठ, ईसाई प्रार्थना हो सकती है या नहीं मैं नहीं जानता. हो सके तो बहुत अच्छा होगा. लेकिन यह मुस्लिम धर्मगुरुओं के तय करने के चीज़ है. लेकिन मंदिर ईश्वर के किसी भी रूप की अर्चना के लिए खुले रहें तो मेरे लिए एक हिंदू के रूप में गर्व की बात होगी.’