जयपुर, दो फरवरी (भाषा) भाजपा पार्षद सौम्या गुर्जर ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद बुधवार को यहां एक बार फिर जयपुर ग्रेटर नगर निगम के मेयर का पद संभाल लिया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने नगर निगम आयुक्त के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के मामले में मेयर गुर्जर व तीन पार्षदों को पिछले साल जून में निलंबित कर दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को निलंबन के आदेश पर स्थगनादेश जारी किया जिससे गुर्जर के फिर मेयर पद संभालने का मार्ग प्रशस्त हुआ। उन्होंने बुधवार को यहां पद संभाल लिया।
इस अवसर पर गुर्जर ने कहा, ‘‘मुझे न्यायपालिका में पूरा भरोसा है। मैं जनता के लिए प्रतिबद्ध थी और आगे भी रहूंगी।’’ उन्होंने कहा कि वह पार्षदों के साथ बैठक करेंगी और नियमानुसार बोर्ड की बैठक बुलाने का फैसला करेंगी।
राजस्थान सरकार ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर और तीन पार्षदों को नगर निगम आयुक्त के साथ कथित दुर्व्यवहार के मामले में सात जून को निलंबित कर दिया था। सरकार ने मामले की न्यायिक जांच कराने का भी निर्णय किया।
गुर्जर ने अपने निलंबन के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। अदालत ने इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। इसके बाद गुर्जर ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने अंतरिम राहत दी और न्यायिक जांच के नतीजे आने तक निलंबन के आदेश पर रोक लगा दी।
सौम्या गुर्जर के निलंबन के बाद भाजपा की शील धाबाई कार्यवाहक मेयर थीं।
भाषा पृथ्वी अर्पणा
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