मुंबई, 22 मई (भाषा) प्रसिद्ध कवि-गीतकार गुलजार को बृहस्पतिवार को उपनगरीय बांद्रा स्थित उनके आवास पर भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान 58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
नब्बे वर्षीय गीतकार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण पिछले सप्ताह नयी दिल्ली में आयोजित समारोह में शामिल नहीं हो सके थे।
गुलजार को भारतीय ज्ञानपीठ के सदस्यों द्वारा एक प्रशस्ति पत्र, 11 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और वाग्देवी सरस्वती की एक कांस्य प्रतिमा प्रदान की गई। भारतीय ज्ञानपीन के सदस्यों में ट्रस्टी मुदित जैन, पूर्व सचिव धर्मपाल और महाप्रबंधक आर एन तिवारी शामिल थे।
तिवारी ने कहा, ‘‘हमने आज दोपहर गुलजार साहब से उनके निवास पर मुलाकात की और उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर गुलजार साहब के दामाद गोविंद संधू, फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज, उनकी पत्नी रेखा और कुछ साहित्यकार मौजूद थे।’’
संपूर्ण सिंह कालरा, जिन्हें गुलजार के नाम से जाना जाता है, हिंदी सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते हैं और उन्हें इस दौर के बेहतरीन उर्दू शायरों में से एक माना जाता है। उन्होंने “परिचय”, “कोशिश”, “आंधी”, “माचिस”, और “हू तू तू” जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया है।
भाषा देवेंद्र धीरज
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