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Friday, 27 September, 2024
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गुजरात का सार्वजनिक ऋण तीन लाख करोड़ रुपये के पार, राशि मानदंडों के भीतर : मंत्री

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गांधीनगर, 15 मार्च (भाषा) गुजरात का सार्वजनिक ऋण 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार 3,00,963 करोड़ रुपये है। राज्य विधानसभा को मंगलवार को इसकी जानकारी दी गई।

यह जानकारी राज्य के वित्त मंत्री कानू देसाई ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक पुंजा वंश द्वारा उठाए गए एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।

पिछले दो वर्षों में लिए गए ऋणों पर भुगतान किए गए ब्याज के बारे में एक लिखित उत्तर में देसाई ने कहा कि राज्य ने 2019-20 में ब्याज के रूप में 20,293 करोड़ रुपये और मूल राशि के रूप में 16,701 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि 2020-21 में भुगतान किया गया ब्याज 22,099 करोड़ रुपये था और मूलधन 17,918 करोड़ रुपये था।

चर्चा के दौरान, कांग्रेस विधायक वंश ने दावा किया कि बजट का 10 प्रतिशत राज्य द्वारा लिए गए ऋणों पर ब्याज का भुगतान करने में जा रहा है और मंत्री से पूछा कि हर गुजरते साल के साथ कर्ज क्यों बढ़ रहा है।

हालांकि, देसाई ने जवाब दिया कि राज्य का कर्ज निर्धारित सीमा के भीतर है और वर्तमान ऋण-से-जीडीपी अनुपात के अनुसार राज्य सरकार 4,50,000 करोड़ रुपये का कर्ज वहन कर सकती है।

देसाई ने कहा, ‘‘किसी राज्य का ऋण विकास का सूचक होता है। हमारा कर्ज राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 21 प्रतिशत है, जो निर्धारित सीमा के भीतर है। पंजाब का कर्ज-जीडीपी अनुपात करीब 53 फीसदी है। हमारा कर्ज बढ़ रहा है क्योंकि हम सरदार सरोवर परियोजना जैसे विकास कार्यों पर खर्च कर रहे हैं।’’

भाषा आशीष उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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