अहमदाबाद, 21 अगस्त (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (एडब्ल्यूडब्ल्यू) और सहायिकाओं (एडब्ल्यूएच) को दिए जाने वाले न्यूनतम मासिक वेतन को क्रमशः 10,000 और 5,500 रुपये से बढ़ाकर 24,800 और 20,300 रुपये कर दिया है।
न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया और न्यायमूर्ति आरटी वचाहानी की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम मासिक वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 24,800 रुपये और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 20,300 रुपये के नए वेतन के बकाए का भुगतान एक अप्रैल, 2025 से किया जाएगा।
आंगनवाड़ी केंद्र का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के नेटवर्क के माध्यम से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रारंभिक देखभाल प्रदान करना है।
न्यायाधीशों ने एकल न्यायाधीश की पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें इस मामले से संबंधित रिट याचिका दायर करने से पहले के तीन वर्षों के लिए पूर्वव्यापी प्रभाव से वेतन देने का आदेश दिया गया था।
खंडपीठ ने कहा कि अगर इसे लागू किया जाता है तो इससे राज्य पर वित्तीय बोझ काफी बढ़ जाएगा।
बुधवार को अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने कहा कि कर्तव्यों की प्रकृति और नियुक्ति के तरीके को देखते हुए, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं ‘न्यूनतम’ और ‘उचित वेतन’ पाने की हकदार हैं ताकि वे अपने परिवारों की सभी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।”
अदालत ने कहा, “आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए क्रमशः 10,000 रुपये और 5,500 रुपये की मामूली राशि से खर्च चलाना मुश्किल होता है। विडंबना यह है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं, नाबालिगों के स्वास्थ्य और शिक्षा की ज़रूरतों को पूरा करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं, उचित पारिश्रमिक के अभाव में सम्मान व गरिमा के साथ जीवन जीने से वंचित हैं।”
साल 2024 में साझा किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में सामूहिक रूप से लगभग एक लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं थीं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने कई याचिकाओं के माध्यम से अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग करते हुए अदालत से यह घोषित करने का आग्रह किया था कि उन्हें दिया जाने वाला मानदेय संविधान के अनुच्छेद 14, 16, 21 और 23 का उल्लंघन है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को गुजरात सरकार के अन्य विभागों के अंशकालिक कर्मचारियों के समान न्यूनतम वेतन देने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी।
भाषा जोहेब नरेश
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