नई दिल्ली: गुजरात हाई कोर्ट ने 12 वर्षीय उस लड़की को करीब 27 सप्ताह का गर्भ गिराने की बुधवार को अनुमति दे दी, जिसके साथ उसके पिता ने कथित तौर पर बलात्कार किया था.
न्यायमूर्ति समीर दवे ने वड़ोदरा स्थित सर सयाजीराव गायकवाड़ अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर गौर किया, जिन्होंने चिकित्सकों के एक पैनल से पीड़िता की मेडिकल जांच कराने का चार सितंबर को निर्देश दिया था.
अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिका स्वीकार की जाती है. प्रतिवादी संख्या 3 को पीड़िता की गर्भावस्था आज से एक सप्ताह की अवधि के अंदर समाप्त करने का निर्देश दिया जाता है.’’ अदालत ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, भ्रूण करीब 27 सप्ताह का है.
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़िता को 2.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया, जिसमें से 50,000 रुपये तुरंत अदा किया जाए, और शेष दो लाख रुपये उसके नाम पर बैंक में जमा किया जाए तथा सावधि जमा पर मिलने वाला ब्याज उसके 21 साल की आयु के होने तक दिया जाए.
हाई कोर्ट ने कहा कि जमा राशि पीड़िता के 21 वर्ष की आयु के होने पर अदा की जाए.
अदालत ने अस्पताल को भ्रूण का डीएनए संरक्षित रखने का भी निर्देश दिया, जैसा कि याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया था.
डेडियापाडा स्थित संबद्ध पुलिस थाने को पीड़िता का गर्भपात कराने के लिए वड़ोदरा स्थित अस्पताल ले जाने का निर्देश दिया गया.
पीड़िता की मां ने हाई कोर्ट का रुख कर अपनी बेटी का गर्भपात कराने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. इससे दो दिन पहले, नर्मदा जिला पुलिस ने पीड़िता के पिता को गिरफ्तार किया था.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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