अहमदाबाद, 12 मई (भाषा) गुजरात में एशियाई शेरों की गणना का पहला चरण सोमवार को संपन्न हो गया और अब 16वीं गणना के तहत इसकी अंतिम गणना की जाएगी।
शेरों की पहचान के लिए हाई-टेक कैमरा ट्रैप, हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे और रेडियो कॉलर का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही, ‘डायरेक्ट बीट वेरिफिकेशन’ पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है, जो शत-प्रतिशत सटीक पहचान की गारंटी देता है।
चार-दिवसीय अभियान 10 से 13 मई तक दो चरणों में चलाया जा रहा है, जिसमें 11 जिलों के 58 तालुकाओं में फैले 35,000 वर्ग किलोमीटर को कवर किया गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रारंभिक गणना 10 और 11 मई को की गई थी, जबकि अंतिम गणना 12 और 13 मई को क्षेत्रीय, जोनल और उप-क्षेत्रीय अधिकारियों, गणनाकर्ताओं, सहायक गणनाकर्ताओं और निरीक्षकों सहित 3,000 स्वयंसेवकों की मदद से किया जाएगा।
जिन जिलों में एशियाई शेरों की गणना का कार्य चल रहा है, उनमें जूनागढ़, गिर सोमनाथ, भावनगर, राजकोट, मोरबी, सुरेंद्रनगर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, अमरेली, पोरबंदर और बोटाद शामिल हैं।
भाषा सुरेश दिलीप
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