नई दिल्ली: चार विदेशी-आधारित संस्थाओं से 28.46 करोड़ रुपये का “अस्पष्टीकृत निर्यात प्रेषण” हासिल करने और विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 का “घोर उल्लंघन” करने के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सात अक्टूबर को न्यूज़क्लिक और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
एफआईआर की एक प्रति दिप्रिंट के पास मौजूद है. इस साल अगस्त में गृह मंत्रालय (एमएचए) से इस संबंध में एक संदेश मिलने के बाद सीबीआई ने दर्ज़ की थी. मामले में शिकायतकर्ता, गृह मंत्रालय में एक अवर सचिव, ने आगे आरोप लगाया कि न्यूज़क्लिक को “एफसीआरए अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में” अमेरिका स्थित इकाई से 9.59 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्राप्त हुई.
न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के अलावा, एफआईआर में इसके संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, ‘निवेशक’ नेविल रॉय सिंघम और उनके सहयोगी जेसन फेचर सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है.
बुधवार को न्यूज़क्लिक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सीबीआई ने अपने दफ्तर और पुरकायस्थ के आवास पर “तलाशी और जब्ती अभियान” चलाया, साथ ही कहा कि “यह पांचवीं एजेंसी है जो हमारी जांच कर रही है”.
The CBI is currently conducting search and seizure operations at the NewsClick office and the residence of our Editor-in-Chief Prabir Purkayastha. This is the fifth agency that is investigating us. We are cooperating with the authorities.#NewsClickRaids #NewsClick…
— NewsClick (@newsclickin) October 11, 2023
एफआईआर के मुताबिक, “मुख्य आरोप यह है कि मेसर्स पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्रा. लिमिटेड को एफसीआरए, 2010 के कथित उल्लंघन में चार विदेशी संस्थाओं से 28.46 करोड़ रुपये का अस्पष्टीकृत निर्यात प्रेषण प्राप्त हुआ.”
इसमें कहा गया है, “इसके अलावा मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग एलएलसी, यूएसए ने एफसीआरए अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के उल्लंघन में पीपीके न्यूज़क्लिक में एफडीआई के माध्यम से 9.59 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया. शिकायत में प्रबीर पुरकायस्थ द्वारा अपने करीबी सहयोगियों जेसन पफेचर और नेविल रॉय सिंघम के साथ मिलकर एम/एस पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में अपारदर्शी विदेशी फंड डालने के लिए एफसीआरए अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के घोर उल्लंघन का खुलासा किया गया है.”
दिप्रिंट ने पहले बताया था कि 2018-19 में पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में 7.69 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 9.59 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था और अगले वित्तीय वर्ष से, “सेवाओं का निर्यात” समाचार पोर्टल के राजस्व का प्राथमिक साधन बन गया. वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में इसके कुल राजस्व में “सेवाओं का निर्यात” क्रमशः 99.87, 99.97 और 99.95 प्रतिशत था.
इस महीने की शुरुआत में जारी एक बयान में न्यूज़क्लिक ने कहा कि “उसे प्राप्त सभी फंडिंग” उचित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से की गई है और कानून द्वारा अपेक्षित संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया है, जैसा कि भारतीय रिज़र्व बैंक की कार्यवाही में दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष पुष्टि की गई है.”
यूएपीए मामला, सिंघम और फेचर
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने तीन अक्टूबर को न्यूज़क्लिक के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती को उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के विभिन्न प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया था.
अगस्त में न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया था कि न्यूज़क्लिक को अमेरिका स्थित करोड़पति सिंघम से जुड़े एक नेटवर्क से फंडिंग मिली, जिसके बारे में उसने कहा कि यह “चीनी प्रचार के वैश्विक वेब” का हिस्सा था. इसमें कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों ने न्यूज़क्लिक पर छापा मारा, “उस पर चीनी सरकार से संबंध रखने का आरोप लगाया लेकिन कोई सबूत नहीं दिया”.
यह दावा कि न्यूज़क्लिक को सिंघम से फंडिंग मिली थी, सबसे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 2021 में किया गया था.
न्यूज़क्लिक ने कहा है कि वह “चीन का प्रचार” नहीं करता है या “अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री के संबंध में नेविल रॉय सिंघम से निर्देश नहीं लेता है”.
इसके अलावा, वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स (डब्ल्यूएचएम) के ‘प्रबंधक’ जेसन पफ़ेचर – एक अमेरिकी-आधारित लाभकारी समूह, जिसका न्यूज़क्लिक में निवेश दिल्ली पुलिस द्वारा समाचार पोर्टल के खिलाफ दायर यूएपीए मामले का आधार था, ने एक बयान में कहा 7 अक्टूबर को बताया गया कि WMH पीपुल्स सपोर्ट फाउंडेशन (PSF) द्वारा पूर्णतः स्वामित्व और संचालित एक ‘गैर-लाभकारी निवेश वाहन’ है.
फेचर ने कहा, “पीएसएफ को सारा पैसा थॉटवर्क्स की बिक्री – शिकागो स्थित सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी, जिसके सिंघम संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष हैं से आया है.”
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: ‘किसानों के प्रदर्शन, दिल्ली दंगों की कवरेज’- न्यूज़क्लिक के पत्रकारों से पूछे गए कैसे-कैसे सवाल