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Tuesday, 7 May, 2024
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‘किसानों के प्रदर्शन, दिल्ली दंगों की कवरेज’- न्यूज़क्लिक के पत्रकारों से पूछे गए कैसे-कैसे सवाल

पत्रकारों ने कहा कि उनसे 2020-21 के किसानों के विरोध को कवर करने के बारे में भी पूछा गया और उनके घरों पर 3 घंटे तक छापेमारी की गई थी, क्योंकि पुलिस जांच में न्यूज़क्लिक द्वारा चीन से धन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था.

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नई दिल्ली: न्यूज़क्लिक न्यूज़ पोर्टल पर “रोज़गार की प्रकृति”, 2020 के दिल्ली दंगों की कवरेज और अमेरिका को किए गए कॉल, ये कुछ ऐसे प्रश्न थे जो कथित तौर पर मंगलवार को पत्रकारों से पूछे गए थे. और इसी के तहत चीन से कथित तौर पर धन प्राप्त करने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत पंजीकृत समाचार पोर्टल के खिलाफ एक ताजा मामला सामने आया है.

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को न्यूज़क्लिक के ए़डिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती को भी गिरफ्तार कर लिया और दिल्ली के सैनिक फार्म में स्थित पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत समाचार पोर्टल के कार्यालय को सील कर दिया.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, न्यूज़क्लिक में कार्यरत या किसी न किसी रूप में इससे जुड़े हुए पत्रकारों और अन्य लोगों के घरों पर छापेमारी दिन की शुरुआत में ही शुरू हो गई थी. दिल्ली पुलिस की टीमों ने दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में कम से कम 30 स्थानों पर छापेमारी की. सूत्रों ने बताया कि नागरिक अधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड के मुंबई स्थित घर और सबरंग इंडिया के कार्यालय पर छापे मारे गए, जिसकी संपादक सीतलवाड हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कथित तौर पर न्यूज़क्लिक से तीस्ता सीतलवाड के परिवार को लगभग 40 लाख रुपये के फंड ट्रांसफर की जांच कर रहा है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पिछले महीने दर्ज की गई न्यूज पोर्टल के खिलाफ नवीनतम एफआईआर धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियां), 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (साजिश) और 22 ( सी) यूएपीए की (कंपनियों द्वारा अपराध), साथ ही धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया.

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न्यूज़क्लिक पहले से ही संयुक्त राज्य अमेरिका के माध्यम से चीन से धन प्राप्त करने के आरोप में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और ईडी की जांच के दायरे में है. न्यूज पोर्टल को 2021 में आयकर छापे का भी सामना करना पड़ा था.

गिरफ्तारी से पहले पुरकायस्थ को पूछताछ के लिए स्पेशल सेल के लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन लाया गया था.

छापेमारी की खबरें मंगलवार की सुबह से ही आनी शुरू हो गईं थी, जिसके बाद पत्रकार अभिसार शर्मा ने सुबह करीब 8 बजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर इसके बारे में पोस्ट किया.

उन्होंने लिखा, “दिल्ली पुलिस मेरे घर आई हैं. मेरा लैपटॉप और फोन मुझसे छीना जा रहा है…”

मामले में पूछताछ किए जाने वाले अन्य लोगों में पत्रकार उर्मिलेश, परंजय गुहा ठाकुरता और भाषा सिंह शामिल हैं.

कथित तौर पर स्टैंड-अप कॉमेडियन संजय राजौरा के घर पर भी छापेमारी की गई, जो पहले न्यूज़क्लिक पर एक शो का हिस्सा थे और उनका फोन और लैपटॉप जब्त कर लिया गया था.

भाषा सिंह के करीबी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि छह अधिकारियों की एक पुलिस टीम मंगलवार सुबह 6.30 बजे उनके घर पहुंची और तीन घंटे तक वहीं रही. पुलिस ने कथित तौर पर पत्रकार का एक मोबाइल फोन और लैपटॉप भी जब्त कर लिया.

गुहा ठाकुरता ने मीडिया को यह भी बताया कि नौ पुलिस अधिकारी सुबह 6.30 बजे उनके आवास पर आए और उनसे “विभिन्न प्रश्न” पूछे और वह पूछताछ के लिए अधिकारियों के साथ “स्वेच्छा से” लोधी रोड पुलिस स्टेशन गए.


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न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ मामला

न्यूज़क्लिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे ईडी जांचकर्ताओं के अनुसार, समाचार पोर्टल को कथित तौर पर चीन से अमेरिका के माध्यम से 76.84 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई थी.

जांचकर्ताओं ने यह भी दावा किया है कि न्यूज़क्लिक का “चीन लिंक” शंघाई स्थित अमेरिकी व्यवसायी नेविल रॉय सिंघम के साथ मिलकर स्थापित किया गया था, जिसे एजेंसी के दस्तावेजों में ए़डिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ का “भरोसेमंद करीबी” और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) का सहयोगी बताया गया है.

एजेंसी ने कथित तौर पर यह भी पाया कि सिंघम ने “संपादक प्रबीर पुरकायस्थ” और अन्य पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) के कई नेताओं के साथ चीन के बारे में आपत्तिजनक ईमेल का आदान-प्रदान भी किया.

फरवरी 2021 में ईडी ने निदेशकों के साथ-साथ संपादक पुरकायस्थ के कार्यालयों पर भी छापेमारी की थी. उस छापेमारी के दौरान पुरकायस्थ और लेखिका गीता हरिहरन को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था.

एक बयान में, न्यूज़क्लिक ने तब कहा था कि उनके कार्यालय पर “36 घंटे से अधिक समय तक छापा मारा गया और एक समाचार संगठन के रूप में हमारे कामकाज के लिए महत्वपूर्ण कुछ उपकरण जब्त किए गए थे” और “निदेशकों और वरिष्ठ प्रबंधन के संचार उपकरणों को भी जब्त कर लिया गया, इसलिए काम पर लौटने या वास्तव में, मीडिया के सवालों का जवाब देने की हमारी क्षमता सीमित हो गई थी.”

इस साल अगस्त में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक जांच रिपोर्ट में दावा किया गया था कि समाचार पोर्टल अपने कवरेज में “चीनी सरकार की बातें” शामिल कर रहा है.

मंगलवार की जांच के बारे में बात करते हुए, दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा, “कुल 37 पुरुष संदिग्धों से परिसर में पूछताछ की गई है, 9 महिला संदिग्धों से उनके स्थानों पर पूछताछ की गई है और डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज आदि जांच के लिए जब्त/एकत्रित किए गए हैं.”

बयान में कहा गया कि “कार्यवाही अभी भी जारी है, अब तक दो आरोपियों प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया जा चुका है. आगे की जांच जारी है.”

‘दिल्ली दंगों की कवरेज’ पर सवाल

पूछताछ के बारे में बात करते हुए, गुहा ठाकुरता ने कहा कि उनसे न्यूज़क्लिक के साथ “उनके रोजगार की प्रकृति” और क्या वह समाचार पोर्टल में फुल टाइम कर्मचारी थे, इसके बारे में बार-बार पूछा गया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह 2018 से वहां सलाहकार हैं.

गुहा ठाकुरता ने यह भी कहा कि उनसे पूछा गया था कि क्या उन्होंने 2020 के दिल्ली दंगों और 2020-21 में किसानों के विरोध प्रदर्शन (केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ, जिन्हें अब निरस्त कर दिया गया है) को कवर किया था.

उनसे कथित तौर पर अमेरिका में किए गए कॉल और क्या उन्होंने सिग्नल मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल किया था- के बारे में भी पूछा गया.

ईडी कथित तौर पर न्यूज़क्लिक द्वारा गुहा ठाकुरता को लगभग 72 लाख रुपये के कथित हस्तांतरण की भी जांच कर रही है.

न्यूज़क्लिक के कुछ पत्रकारों और सहयोगियों ने नाम न छापने की शर्त पर बोलते हुए आरोप लगाया कि पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन लाए जाने के बाद भी उन्हें समन नहीं दिया गया, जबकि फर्म के साथ काम करने वाले एक अन्य सलाहकार ने दावा किया कि उन्हें दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, छह बैंक पासबुक और न्यूज़क्लिक के साथ कार्य समझौते के लिए कोई जब्ती मेमो नहीं सौंपा गया था, जो मंगलवार तड़के उनके आवास से जब्त किए गए थे.

सलाहकार ने दावा किया, “मुझसे पूछा गया, ‘क्या आपने उत्तर-पूर्व [दिल्ली] दंगों पर लिखा है?’ मैंने जवाब दिया कि मैंने दंगों पर नहीं लिखा था, लेकिन मेरे द्वारा किए गए अनुवाद मेरे नाम से प्रकाशित किए गए थे.”

पत्रकारों द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए दिप्रिंट ने पुलिस उपायुक्त और दिल्ली पुलिस प्रवक्ता, सुमन नलवा से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इस मामले में “सक्रिय जांच” का हवाला देते हुए विशिष्ट आरोपों का जवाब देने से इनकार कर दिया.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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