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Friday, 17 May, 2024
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मोदी सरकार ने खेल बजट में 230.78 करोड़ रुपए कटौती की, खेलो इंडिया में सबसे बड़ी कमी

पिछले वित्त वर्ष के संशोधित आवंटन से हालांकि यह 795.99 करोड़ रूपये अधिक है. वर्ष 2020-21 के लिये मूल आवंटन 2826.92 करोड़ रूपये था जो बाद में घटाकर 1800.15 करोड़ कर दिया गया था.

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नई दिल्ली: कोरोना महामारी के कारण लगभग साल भर से खेल गतिविधियां ठप होने का असर खेल बजट पर भी पड़ा है और वर्ष 2021-22 के बजट में खेल और युवा कार्य मंत्रालय को 2596.14 करोड़ रूपये आवंटित किये हैं जो पिछले वर्ष के मूल आवंटन से 230.78 करोड़ रूपये कम है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वर्ष 2021-22 के लिये बजट संसद में पेश किया.

पिछले वित्त वर्ष के संशोधित आवंटन से हालांकि यह 795.99 करोड़ रूपये अधिक है. वर्ष 2020-21 के लिये मूल आवंटन 2826.92 करोड़ रूपये था जो बाद में घटाकर 1800.15 करोड़ कर दिया गया था.

कोरोना महामारी के कारण तोक्यो ओलंपिक स्थगित होने के अलावा घरेलू टूर्नामेंट भी नहीं हो इसके और विदेश में अभ्यास या प्रतिस्पर्धा भी संभव नहीं थे. ओलंपिक की तैयारी के लिये विदेश में प्रतिस्पर्धा और अभ्यास का खर्च खेल मंत्रालय वहन करता है.

मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘शुरूआत में पिछले साल के बजट में खेलों को 2826.92 करोड़ रूपये दिये गए थे जो बाद में घटाकर 1800.15 करोड़ कर दिये गए क्योंकि कोरोना महामारी के कारण खेल हो ही नहीं रहे थे. बुनियादी ढांचा बेहतर करने की दिशा में भी कोई काम नहीं हो सका.’

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खेलो इंडिया के लिये वर्ष 2020-21 के बजट में 890.42 करोड़ रूपये आवंटित किये गए. संशोधित अनुमान में इसे 328.77 कर दिया गया है. वर्ष 2021-22 में इस मद के लिए परिव्य बढाकर 657.71 करोड़ रूपये कर दिया गया है.

वहीं राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए आवंटन पिछले बजट में 245 करोड़ रूपये था. इसे संशोधित आवंटन बजट अनुमान में 132 करोड़ रूपये कर दिया गया है. अगले वित्त वर्ष के लिए बढाकर 280 करोड़ रूपये कर दिया गया है. राष्ट्रीय खेल विकास कोष के लिये 25 करोड़ रूपये दिये गए हैं जबकि वर्ष 2020-21 के बजट में संशोधित आवंटन 7.23 करोड़ रूपये है.

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को मिलने वाले आवंटन में भी इजाफा किया गया है. साई को 660.41 करोड़ रूपये आवंटित किये गए हैं जबकि 2020-21 के बजट अनुमान में आवंटन 500 करोड़ रूपये था जो संशोधित अनुमान में 612.21 करोड़ रुपये है.

खिलाड़ियों के लिये प्रोत्साहन का बजट 70 करोड़ रूपये से घटाकर 53 करोड़ रूपये कर दिया गया. वहीं 2010 राष्ट्रमंडल खेल साइ स्टेडियमों की मरम्मत का बजट 75 करोड़ रूपये से घटाकर 30 करोड़ रूपये कर दिया गया.


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