नई दिल्लीः सरकार ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पत्रकारों पर हमले के संदर्भ में विशिष्ट आंकड़े नहीं रखता. साथ ही उसने यह भी कहा कि मीडियाकर्मियों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कानून का कड़ाई से क्रियान्वयन करने के लिए 2017 में राज्य सरकारों को एक परामर्श जारी किया गया था.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने उच्च सदन को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पुलिस और लोक व्यवस्था संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्य का विषय है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से अपराध की रोकथाम, उसका पता लगाने और जांच के लिए तथा अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए जिम्मेदार हैं.
राय ने कहा ‘राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पत्रकारों पर हमले के संदर्भ में विशेष आंकड़े नहीं रखता.’ उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए और कानून हाथ में लेने वाले किसी भी व्यक्ति को कानून के अनुसार सजा सुनिश्चित करने के लिए समय समय पर परामर्श जारी किए हैं. उन्होंने बताया ‘पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ऐसा ही एक परामर्श 20 अक्टूबर 2017 को जारी किया गया था. परामर्श में मीडिया कर्मियों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कानून का कड़ाई से क्रियान्वयन करने के लिए कहा गया था.’
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पत्रकारों सहित देश के सभी नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा को सर्वोच्च महत्व देती है.
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