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Monday, 23 December, 2024
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राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बप्पी लाहिड़ी के निधन पर जताया शोक

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कोलकाता, 16 फरवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी के निधन पर शोक व्यक्त किया और दिग्गज संगीतकार के शोक संतप्त परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

जगदीप धनखड़ ने कहा कि बप्पी लाहिड़ी की संगीत रचनाओं को हर उम्र के लोग पसंद करते हैं।

धनखड़ ने ट्वीट कर कहा, ‘‘बेहद दुखद समाचार… महान संगीतकार बप्पी लाहिड़ी अब हमारे बीच नहीं रहे। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में जन्में बप्पी दा के संगीत ने हर उम्र के लोगों को प्रभावित किया। उन्हें उनकी मंत्रमुग्ध कर देने वाली संगीत रचनाओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा, जिन्हें हर उम्र के लोग पसंद करते हैं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक संगीतकार के रूप में लाहिड़ी के योगदान ने बंगाल को गौरवान्वित किया है।

ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘महान गायक और संगीतकार बप्पी लाहिड़ी के असामयिक निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। हमारे उत्तर बंगाल का एक लड़का… , वह अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के बल पर प्रसिद्धि और सफलता के शीर्ष तक पहुंचे, और संगीत के क्षेत्र में अपने योगदान से उसने हमें गौरवान्वित किया।’’

ममता ने कहा, ‘‘हमने उन्हें अपने राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘बंग-बिभूषण’ प्रदान किया था और हम उन्हें हमेशा याद करेंगे। मेरी हार्दिक संवेदनाएं।’’

भारत में 80 और 90 के दशक में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतों के बाद मंगलवार रात को निधन हो गया था। वह 69 वर्ष के थे।

बप्पी लाहिड़ी ने 70-80 के दशक में कई फिल्मों में संगीत दिया जो खासा लोकप्रिय हुआ।

उन्होंने कुछ समय के लिए राजनीति में भी कदम रखा था, और वह 2014 के लोकसभा चुनावों में बंगाल की सेरामपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार थे। वह तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी से हार गए थे।

बप्पी लाहिड़ी के निधन पर कल्याण बनर्जी ने कहा ‘‘देश ने अपना एक प्रतिभावान पुत्र खो दिया। मैं बप्पी दा का फैन हूं। अपने गीत संगीत के लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे। जब मुझे पता चला था कि चुनाव में मेरा मुकाबला उनसे है तो मुझे यह गाना याद आया था ‘बंबई से आया मेरा दोस्त, दोस्त को सलाम करो।’ चुनाव प्रचार के दौरान उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों की भीड़ जुट जाती थी।’’

भाषा रवि कांत मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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