नई दिल्ली: कोरोनावायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन ने पर्यटन क्षेत्र को खासा नुकसान पहुंचाया है. इन दिनों देशभर में होटल खाली पड़े हैं. हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़े सभी व्यवसायों को लॉकडाउन की बड़ी मार झेलनी पड़ रही है. लेकिन अब सरकार होटल खोलने आर पर्यटन शुरू करने की तैयारी में है.
पर्यटन मंत्रालय की नई प्रस्तावित गाइडलाइन के अनुसार होटल में अब कमरा लेने के लिए आरोग्य सेतु एप का होना जरूरी होगा. वहीं वहां ठहरे महमानों और कार्यरत कर्मचारियों के तापमान की रोज़ जांच भी अनिवार्य होगी.
पर्यटन मंत्रालय की अपर महानिदेशक रूपिंदर बरार ने दिप्रिंट को बताया, ‘कोविड-19 के प्रकोप के चलते सभी की सुरक्षा को ध्यान में रखना हमारा पहला उद्देश्य है’.
उन्होंने कहा, ‘होटल, टूर ऑपरेटर्स और टैक्सी चालकों के लिए प्रोटोकॉल और गाइडलाइन तैयार की जा रही है. इस गाइडलाइन को राज्यों के साथ विचार विमर्श कर तैयार किया जा रहा है. इनमें उनके सुझाव भी लिए गए हैं.’
मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर दिप्रिंट से कहा, ‘कोरोना के चलते पर्यटन के क्षेत्र को नुकसान बहुत हुआ है. अभी आंकड़ों में बताना मुश्किल होगा और अभी यह भी कहना मुश्किल है कि इस नुकसान की भरपाई कैसे हो पायेगी’.
अन्य अधिकारी के अनुसार, ‘आगामी दिनों में आने वाले त्यौहारों पर काम चल रहा है. सभी प्रदेशों से चर्चा हो रही है. हर राज्य के लिए अलग-अलग गाइडलाइन हो सकती है. इसमें राज्यों के पर्यटन सचिवों से भी विचार विमर्श करके आगे बढ़ा जाएगा.’
पर्यटन मंत्रालय होटलों के लिए तैयार कर रहा है एसओपी
भारतीय पर्यटन मंत्रालय होटलों के लिए एक एसओपी तैयार करने में जुट गया है. आने वालें दिनों में मंत्री स्तर पर मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा.
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दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार प्रस्तावित गाइडलाइन के अनुसार सभी होटल के कर्मचारियों के पास आरोग्य सेतु एप होना अनिवार्य होगा. वहीं जो टूरिस्ट किसी भी होटल में रुकने जाता है तो उसे अपने शहर की यात्रा के बारें में विस्तृत जानकारी देनी होगी. इसके अलावा अपने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी एक स्वघोषित फार्म में भरकर देनी होगी.
पर्यटन मंत्रालय के उपरोक्त अन्य अधिकारी ने कहा, ‘आरोग्य सेतु की वजह से भारत में ट्रेंकिग बहुत अच्छे से हो रही है. प्रस्तावित गाइडलाइन में हम इसे होटल में आने वाले यात्रियों के लिए लागू करने पर विचार कर रहे हैं.’
उक्त अधिकारी के अनुसार, कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए होटल में रोज मेहमानों और स्टाफ की थर्मल स्क्रीनिंग का प्रावधान भी रखा गया है. जो भी टूरिस्ट होटल में आता है उसे सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखना होगा. लोगों से उसे दो मीटर से ज्यादा दूरी बनाकर रखना होगी. वहीं होटल फर्श पर लोगों के खड़े होने के लिए निशान भी बनाने होंगे. ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो.
उक्त अधिकारी के अनुसार, कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए टूरिस्ट और होटल स्टाफ को मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा. इसके अलावा कर्मचारियों की शिफ्ट में ड्यूटी लगाकर समय-समय पर परिसर को साफ करने की सिफारिश भी की गई है.
पर्यटन को बढ़ाने के लिए छोटे टूर को प्रोत्साहन
कोविड-19 के चलते बिल्कुल बंद पड़े पर्यटन क्षेत्र को फिर से शुरू करने की कवायद तेज़ हो गई है. पर्यटन क्षेत्र के लिए एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा रेस्टोरेंट, होटल, टूर और ट्रेवल्स आपरेटरों के साथ ही गाइड का भी ध्यान रखा जाएगा.
रूपिंदर बरार ने दिप्रिंट को बताया,’ कोरोना के संक्रमण के चलते लोग अपने घरों से ज्यादा दूर नहीं जा पाएंगे. हर राज्य के शहरों की अलग-अलग स्थितियां हो सकती है. ऐसे में हम छोटे टूर के लिए टूर और ट्रेवल्स ऑपरेटरों को प्रोत्साहित कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि शहर के आसपास के ही पर्यटन स्थलों को ज्यादा तवज्जों दी जाए. पर्यटन विभाग भी लोकल फॉर वोकल को ही आगे बढ़ाएंगा.’
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लोगों का घूमना-फिरना प्रभावित न हो इसलिए मंत्रालय की तरफ से सभी प्रकार के टूर आपरेटरों को इस तरह के पैकेज तैयार करने को कहा जा रहा है जो छोटे हो साथ ही स्थानीय या फिर आसपास के शहरों के ही हो. मंत्रालय इस पर भी राज्यों की सरकार के साथ मिलकर काम करने में जुट गया है.
रूपिंदर बरार का कहना है कि, ‘पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के आह्वान पर इन दिनों ‘देखों अपना देश ‘ नाम से ऑनलाइन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसमें लोगों को हर दिन देश के किसी एक प्रमुख पर्यटन स्थल का दर्शन कराते हैं. इस कार्यक्रम में ऐसे पर्यटन स्थल का दर्शन लोगों को करवाते है जिसे लोग कम ही जानते हैं.’
उन्होंने कहा कि नई गाइडलाइन में हर शहर के पास ऐसे छोटे स्थान जो लोगों ने देखे नहीं उसके लिए प्रोत्साहित करेंगे. ताकि लोग वहां जा भी सके और वहां से कुछ खरीदारी भी कर सके. इससे पर्यटक और स्थानीय कारीगरों को फायदा होगा.
टॉप 11 शहरों में होटलों का प्रति रुम रेवेन्यू घटकर 29 प्रतिशत पर आया
प्रापर्टी कंसल्टेंट जेएलएल इंडिया के सर्वे के अनुसार देश के टॉप 11 शहरों में होटल व्यवसाय बहुत प्रभावित हुआ है. जनवरी से मार्च 2020 के दौरान बड़े शहरों में प्रति रुम रेवेन्यू में 29 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. आक्युपेंसी लेवल में भी गिरावट आई है.
जेएलएल इंडिया के सर्वे के अनुसार, कोरोनावायरस के चलते वर्ष 2020 की पहली तिमाही में डोमेस्टिक होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में बुरा असर देखने को मिला है. दिल्ली, मुंबई, पुणे, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद, बेंगलुरू, गोवा, हैदराबाद, जयपुर और गुरूग्राम जैसे 11 शहरों में जनवरी से मार्च के बीच आक्युपेंसी रेट में 5 से 17 फीसदी गिरावट आई है.
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इसके अलावा रेवेन्यू में 13 से 29 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है. रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में सबसे ज्यादा आक्युपेंसी रेट में गिरावट देखी गई. दिल्ली के बाद जयपुर, मंबई, बेंगलुरु और गुरुग्राम में आक्युपेंसी लेवल में 15 फीसदी की गिरावट हुई है.
रेवेन्यू पर अवेलेबल रुम को देखा जाए तो सबसे ज्यादा गिरावट बेंगलुरु 28.5 फीसदी में देखी गई है. इसके बाद दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, जयपुर, गुरुग्राम, गोवा, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे में गिरावट दर्ज की गई है.
इसी नुकसान की भरपाई के लिए अब इस सेक्टर को सुरक्षित तरीके से फिर चालू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है.