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Friday, 15 November, 2024
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पुलिस के लिए नये प्लेटफार्म पर काम कर रही है सरकार

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नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को जल्द ही एक नया प्लेटफार्म मुहैया कराया जाएगा जो तकनीकी रूप से उन्नत, सुरक्षित और नये जमाने के अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों से निपटने में मददगार है। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी।

नये प्लेटफॉर्म में अपराधों और अपराधियों के बारे में जानकारी होगी और देश भर के पुलिस थानों और विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा वास्तविक समय के आधार पर उस तक पहुंच बनायी जा सकती है। वहीं गुप्तचर ब्यूरो इसमें नोडल एजेंसी की भूमिका निभाएगा।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को पुलिस प्रौद्योगिकी के अधिकार प्राप्त संचालन समूह की एक उच्च स्तरीय बैठक में इस परियोजना पर काम की प्रगति का जायजा लिया।

बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार और सुरक्षा एजेंसियों के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।

भविष्य की तकनीकों को अपनाने की अवधारणा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष नवंबर में लखनऊ में आयोजित डीजीपी सम्मेलन के दौरान उठाया था। उस बैठक में गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त पुलिस प्रौद्योगिकी मिशन का गठन किया गया था।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मंगलवार की बैठक में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी, राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) अध्यक्ष अनिल धस्माना, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक पंकज सिंह, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक कुलदीप सिंह और दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना समेत अन्य व्यक्ति शामिल हुए।

केंद्र सरकार के पास पहले से ही सभी प्राथमिकी दर्ज करने के लिए एक समर्पित प्लेटफार्म समर्पित किया है। ‘क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स’ (सीसीटीएनएस) को देश के सभी 16,347 पुलिस थानों में लागू किया गया है।

इसके अलावा, गृह मंत्रालय के पास यौन अपराधियों पर एक राष्ट्रीय डेटाबेस (एनडीएसओ) है जिसमें देश में 10.69 लाख से अधिक यौन अपराधियों का विवरण और उनके प्रोफाइल नये अपराधों की जांच के लिए वास्तविक समय पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए उपलब्ध हैं।

सरकार ने पहले ही एनएटीजीआरआईडी तैयार कर लिया है, जिसमें सभी आव्रजन प्रवेश और निकास, बैंकिंग और वित्तीय लेनदेन, क्रेडिट कार्ड खरीद, दूरसंचार, व्यक्तिगत कर दाताओं, हवाई यात्रियों, ट्रेन यात्रियों के अलावा अन्य से संबंधित डेटा है ताकि खुफिया जानकारी उत्पन्न की जा सके।

पहले चरण में 10 उपयोगकर्ता एजेंसियों और 21 सेवा प्रदाताओं को एनएटीजीआरआईडी से जोड़ा जा रहा है।

भाषा अमित उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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