नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने ‘लैटरल प्रवेश’ नियुक्ति को सुव्यवस्थित किया है ताकि कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को शामिल किया जा सके जिनके पास विशेषज्ञता भी हो।
‘लैटरल’ प्रवेश’ का मतलब निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की सरकार में नियुक्त करने से है।
कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि पहली की सरकारों ने भी ‘लैटरल’ नियुक्तियां की हैं और इसका सबसे प्रसिद्ध मामला 1972 में डॉ मनमोहन सिंह को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त करना है जो बाद में देश के प्रधानमंत्री बने थे।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रक्रिया को संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) के माध्यम से करके संस्थागत करने की कोशिश की है तथा चयन के लिए मानदंड तय किए हैं जो पारदर्शी तथा योग्यता एवं अनुभव पर आधारित हैं।
सिंह भारत सरकार में संयुक्त सचिव/निदेशक और उप सचिव पद पर ‘लैटरल’ माध्यम से नियुक्त किए गए 30 अधिकारियों के साथ यहां भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) में बातचीत कर रहे थे।
मंत्री ने कहा कि ‘लैटरल प्रवेश तंत्र’ का मकसद यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई अहम योजनाओं के लिए बेहतरीन प्रतिभा को लाया जा सके, क्योंकि इन योजनाओं के लिए नए कौशल और विशेषज्ञता की जरूरत होती है।
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नोमान उमा
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