scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमदेशअर्थजगत2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7 फीसदी की होगी गिरावट, NSO का अनुमान- अब तक का होगा सबसे खराब प्रदर्शन

2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7 फीसदी की होगी गिरावट, NSO का अनुमान- अब तक का होगा सबसे खराब प्रदर्शन

भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि, पहले केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था.

Text Size:

नई दिल्ली: कोविड- 19 महामारी के गहरे असर के परिणामस्वरूप देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष (2020-21) में 7.7 प्रतिशत गिरावट का अनुमान है. इससे पिछले वर्ष 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 4.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी. मुख्य रूप से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से अर्थव्यवस्था में गिरावट आने का अनुमान है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा बृहस्पतिवार को जारी राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान में कहा गया है कि कृषि और जनउपयोगी सेवाओं मसलन बिजली और गैस आपूर्ति को छोड़कर अर्थव्यस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में गिरावट आने का अनुमान है.

एनएसओ के अनुसार, ‘2020-21 में स्थिर मूल्य (2011-12) पर वास्तविक जीडीपी या जीडीपी 134.40 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. वहीं वर्ष 2019-20 में जीडीपी का शुरुआती अनुमान 145.66 लाख करोड़ रुपये रहा है. इस लिहाज से 2020-21 में वास्तविक जीडीपी में अनुमानत: 7.7 प्रतिशत की गिरावट आएगी जबकि इससे पिछले साल जीडीपी में 4.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी.

हालांकि, सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट का आंकड़ा कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों मसलन अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और विश्वबैंक के अनुमान से कहीं कम है.

एनएसओ का अनुमान है कि आधार कीमत पर वास्तविक सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 2020-21 में 123.39 लाख करोड़ रुपये रहेगा, जो 2019-20 में 133.01 लाख करोड़ रुपये रहा है. जीवीए में शुद्ध करों को शामिल नहीं किया जाता.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र के जीवीए मे 9.4 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है. वहीं 2019-20 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर लगभग स्थिर (0.03 प्रतिशत) रही थी.


यह भी पढ़ें: ऑटो उद्योग में मंदी के बीच ट्रैक्टरों की बिक्री में तेजी क्यों नजर आ रही है


गिरावट से कोई क्षेत्र नहीं रहेगा अछूता

एनएसओ का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में खनन और संबद्ध क्षेत्रों तथा व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं में क्रमश: 12.4 प्रतिशत और 21.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी.

इसी तरह निर्माण क्षेत्र में भी 12.6 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है. आंकड़ों के अनुसार लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं में 3.7 प्रतिशत की गिरावट आएगी. वहीं वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में 0.8 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है.

हालांकि, 2020-21 में कृषि, वन और मत्स्यपालन की वृद्धि दर 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि 2019-20 में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 4 प्रतिशत रही थी.

इसी तरह चालू वित्त वर्ष में बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य यूटिलिटी सेवाओं की वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. 2019-20 में इन क्षेत्रों की वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रही थी.

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. वहीं एनएसओ के तिमाही अनुमानों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में वास्तविक जीडीपी में 15.7 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई. वहीं तिमाही दर तिमाही आधार पर जीडीपी में पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. एनएसओ के अग्रिम अनुमान में तीसरी और चौथी तिमाही के दौरान गतिविधियां लगतार बढ़ती दिख रही हैं. इससे वित्त वर्ष 2020- 21 की समाप्ति अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ होने का अनुमान हे.

भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि, पहले केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था.

विश्वबैंक ने अपने ताजा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है. इसी तरह आईएमएफ का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.3 प्रतिशत की गिरावट आयेगी. हालांकि, उसका अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी.

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है. पहले उसने अर्थव्यवस्था में 11.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था.


यह भी पढ़ें: GST संग्रह दिसंबर में 1.15 लाख करोड़ रुपये के साथ किसी भी समय के मुकाबले सबसे अधिक


 

share & View comments

1 टिप्पणी

  1. खराब प्रशासन का इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता । आरबीआई गवर्नर की अर्थव्यवस्था पसंद नहीं आई, अर्जित पटेल लाते ग्रे, उनकी अर्थव्यवस्था पसंद नहीं आई। आखिर इतिहास में दखल रखने वाले
    गवर्नर की अर्थव्यवस्था पसंद आई, तो देश की हालत
    सबके सामने है। किसी देश की अर्थव्यवस्था चलाने के लिए आर्थिक विशेषज्ञ का होना जरूरी है, और उसकी सलाह मानना जरूरी है।

Comments are closed.