नई दिल्ली: दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय से सम्पर्क के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र ‘प्रवासी भारतीय केंद्र’ का नामकरण ‘सुषमा स्वराज भवन’ करने का निर्णय लिया गया है. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा विदेश सेवा संस्थान का नाम बदलकर सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस करने का फैसला किया है. यह निर्णय पूर्व विदेश मंत्री के सम्मान स्वरूप लिया गया है जो दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय से सम्पर्क और उनके प्रति करूणा के लिये जानी जाती थी. ये दोनों संस्थान राष्ट्रीय राजधानी में स्थित हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा कि हम सुषमा स्वराज को याद कर रहे हैं जिनका कल 68वां जन्मदिन है. विदेश मंत्रालय परिवार को खास तौर पर उनकी कमी खलेगी.
Glad to announce that the Government has decided to rename Pravasi Bhartiya Kendra as Sushma Swaraj Bhawan and Foreign Service Institute as Sushma Swaraj Institute of Foreign Service.
A fitting tribute to a great public figure who continues to inspire us.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 13, 2020
उन्होंने कहा, ‘यह घोषणा करके हर्ष हो रहा है कि सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम सुषमा स्वराज भवन और विदेश सेवा संस्थान का नाम सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट आफ फारेन सर्विस करने का निर्णय किया है.’
जयशंकर ने कहा कि एक महान शख्सियत को सच्ची श्रद्धांजलि जो हमें प्रेरित करना जारी रखेंगी.
वहीं, विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 14 फरवरी को सुषमा स्वराज का जन्मदिन है और उससे एक दिन पहले दोनों संस्थानों का नाम पूर्व विदेश मंत्री के नाम पर रखने का निर्णय किया गया है.
गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पहले कार्यकाल में सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री का दायित्व संभाला था और उन्होंने भारतीय कूटनीति में मानवीय पहल और करूणा को समाहित करने का काम किया था.
मंत्रालय के बयान के अनुसार, इन दोनों संस्थानों का नया नामकरण भारतीय कूटनीति में सुषमा स्वराज के ‘अमूल्य योगदान’ को सम्मान है.