scorecardresearch
Friday, 15 November, 2024
होमदेशकिसानों की भलाई के लिए सरकार प्रतिबद्ध, MSP प्रणाली को मजबूत किया गया: सीतारमण

किसानों की भलाई के लिए सरकार प्रतिबद्ध, MSP प्रणाली को मजबूत किया गया: सीतारमण

वित्त मंत्री ने जैसे ही कृषि क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को गिनाना शुरू किया, विपक्षी सांसद तीनों हालिया कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करने लगे.

Text Size:

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत की तुलना में कम से कम 1.5 गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है. इसके साथ ही किसानों से अनाजों की खरीद और उनको किया जाने वाला भुगतान तेजी से बढ़ा है.

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि पिछले छह साल में धान, गेहूं, दालों और कपास जैसी फसलों की खरीद कई गुना बढ़ी है. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है. सभी जिंसों के लिये उत्पादन की लागत से कम से कम डेढ़ गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये एमएसपी व्यवस्था में व्यापक बदलाव किये गये हैं.’

सीतारमण ने कहा, ‘किसानों से खरीद लगातार बढ़ रही है. इससे किसानों को किया जाने वाला भुगतान भी काफी बढ़ा है.’

वित्त मंत्री ने जैसे ही कृषि क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को गिनाना शुरू किया, विपक्षी सांसद तीनों हालिया कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करने लगे.

उल्लेखनीय है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीनों हालिया कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में एमएसपी व्यवस्था के तहत किसानों से की गयी खरीद दिये गये भुगतान के आंकड़े भी गिनाये.

उन्होंने कहा, ‘गेहूं की खरीद पर 2013-14 में किसानों को 33,874 करोड़ रुपये दिये गये थे, जो बढ़कर 2019-20 में 62,802 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. 2020-21 में किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है. जिन किसानों को लाभ हुआ है, उनकी संख्या भी 2019-20 के 35.57 लाख से बढ़कर 2020-21 में 43.36 लाख पर पहुंच गयी.’

उन्होंने कहा, ‘धान की खरीद पर किसानों को 2013-14 में 63,928 करोड़ रुपये दिये गये थे. यह बढ़कर 2019-20 में 1,41,930 करोड़ रुपये हो गया. 2020-21 में यह और बेहतर हुआ तथा इसके बढ़कर 1,72,752 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. लाभ पाने वाले धान किसानों की संख्या 2019-20 के 1.2 करोड़ से बढ़कर 2020-21 में 1.54 करोड़ पर पहुंच गयी.’

वित्त मंत्री ने कहा कि दालों के मामले में किसानों को 2013-14 में 236 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. यह बढ़कर 2019-20 में 8,285 करोड़ रुपये और 2020-21 में 10,530 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यह 2013-14 की तुलना में 40 गुना से अधिक की वृद्धि है.

इसी तरह कपास के किसानों को भुगतान 2013-14 में 90 करोड़ रुपये रहा था, जो 2020-21 में 27 जनवरी तक बढ़कर 25,974 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.


यह भी पढ़ें: मोदी सरकार अगले वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी


 

share & View comments