नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को पत्रकार और साहित्यकार माणिकचंद वाजपेयी ‘मामाजी’ के जन्मशताब्दी वर्ष के समापन समारोह पर कहा, सरकार मीडिया और मीडिया की आजादी पर विश्वास रखती है. वह किसी का अधिकार नहीं हथियाने चाहती है. किसी की आजादी पर आंच आने देना नहीं चाहती.
संघ प्रमुख मोहनराव भागवत की मौजूदगी में इंदिरा गांधी कला केंद्र में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा, ‘पहले पीत पत्रकारिता ऐसा एक शब्द होता था. फिर पेड न्यूज, फिर फेक न्यूज हुआ. अब टीआरपी पत्रकारिता हो गई है. पहले एक प्राइवेट संस्था टैम टीआरपी निकालती थी. जो बताती थी कि कौन से चैनल पर कौन सा कार्यकम ज्यादा देखा जा रहा है. फिर टीवी वालों ने अपना सिस्टम बनाया जिसे बार्क नाम दिया. तब मैंने कहा था कि ये एक अच्छा सेल्फ रेग्युलेशन है. इसे करना चाहिए लेकिन अब उसमें शामिल लोग ही आकर शिकायत कर रहे हैं. जो संस्थापक थे वो ही शिकायर्ता हो गए हैं.’
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उन्होंने आगे कहा, ‘आज टीआरपी के हमले के कारण पिछले दो सप्ताह यो दो महीने में कैसी रिपोर्टिंग हुई है. पत्रकारिता कहां तक पहुंच गई है. ये टीआरपी का अनावश्यक बोझ मीडिया को कभी न कभी बंद करना पड़ेगा, सुधारना पड़ेगा या उसे कुछ अच्छा रूप देना पड़ेगा.’
जावड़ेकर ने कहा, ‘लोकप्रियता गिनने की मशीन और तरीका होना चाहिए. लेकिन उसके कारण लोग अपना कार्यक्रम बदलें. उकसाने वाली खबरें चलाएं ये तो पत्रकारिता नहीं होगी. सरकार मीडिया और मीडिया की आजादी पर विश्वास रखती है. मीडिया अपनी स्वतत्रंता पर संयम से कैसे काम करे, इस पर नियंत्रण खुद तैयार करे.’
उन्होंने कहा, सरकार किसी का अधिकार नहीं हथियाना चाहती है. आजादी पर आंच नहीं आने देना चाहती. लेकिन एक रिस्पांसिबल जर्नलिज्म हो. वो रिस्पांसिबिलिटी खुद तय करनी होती है इसके लिए किसी के हुक्म की जरूरत नहीं होती है. हमारी इच्छा है एक रिस्पांसिबल जर्नलिज्म हो.
किसी ने पूछा माणिकचन्द्र कौन थे। मेरा मानना है कि उनको सबसे बड़ा सर्टिफिकेट यही है। हम एक गीत गाते हैं "बीज जब मिट्टी में मिल जाए वृक्ष तब उगता है मित्र, कलम की स्याही गिरती जाए, पत्र पर उठता जाता चित्र" :RSS प्रमुख मोहन भागवत, मामाजी माणिकचन्द्र वाजपेयी की जन्मशताब्दी के अवसर पर pic.twitter.com/bNevTYP11V
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 7, 2020
संघ प्रमुख मोहन भागवत इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता शामिल थे. केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे.