नई दिल्ली: गैंगस्टर रोहित गोदारा ने दो कथित शूटरों को राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने पर 50,000 रुपये की एडवांस राशि, बंदूकें और विदेश भागने का मौका देने की पेशकश की थी. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि नितिन ‘फौजी’ और रोहित राठौड़ के रूप में पहचाने गए दो आरोपियों ने गोदारा के साथ सिग्नल और टेलीग्राम ऐप के जरिए से बातचीत की और हत्या के बाद उन्हें पासपोर्ट, यात्रा और आवास का आश्वासन दिया था.
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, “रोहित गोदारा ने उन्हें काम सौंपा और उन्हें हथियार उपलब्ध कराए. 50,000 रुपये उनका एडवांस था. साजिश में और भी लोग शामिल हैं.”
राजस्थान के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आगे की पूछताछ के बाद सटीक मकसद और घटनाओं का कालक्रम स्पष्ट हो जाएगा.
उन्होंने कहा, “अब तक पूछताछ के दौरान, राठौड़ ने कहा है कि गोगामेड़ी के खिलाफ उसकी व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता थी क्योंकि उसने उसके POCSO मामले में हस्तक्षेप किया था और समझौता नहीं होने दिया था. राठौड़ ने दावा किया है कि नाबालिग उसका दोस्त था और जेल जाने के लिए उसने गोगामेड़ी को दोषी ठहराया. वह महिला अब उसकी दोस्त है और अब भी उसके संपर्क में है.”
राजस्थान के अधिकारी ने कहा कि हत्या की साजिश अक्टूबर में रची गई थी.
जबकि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से संदिग्ध संबंधों वाले एक गैंगस्टर रोहित गोदारा ने फेसबुक पर एक पोस्ट में गोलीबारी की जिम्मेदारी ली थी, पुलिस अधिकारियों ने अब तक कहा था कि ऐसे किसी भी दावे की पुष्टि शूटरों के पकड़े जाने और पूछताछ के बाद ही की जा सकती है.
दोनों कथित शूटरों को उनके सहयोगी उधम सिंह के साथ दिल्ली पुलिस अपराध शाखा और राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीम ने शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि को चंडीगढ़ के सेक्टर 22 के एक होटल से गिरफ्तार किया था.
डीसीपी (अपराध शाखा) अमित गोयल की देखरेख में एसीपी उमेश बर्थवाल ने दिल्ली पुलिस अपराध शाखा टीम का नेतृत्व किया.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि हत्या संभवतः गोदारा और गोगामेड़ी के बीच उस “सिक्योरीट” के पैसे को लेकर प्रतिद्वंद्विता से जुड़ी हुई है, जो गैंगस्टर ने चूरू में एक प्रॉपर्टी डीलर से मांगी थी. सूत्रों ने बताया कि एक अन्य अपराधी और गोदारा का सहयोगी दाना राम, जिसके सिर पर 50,000 रुपये का इनाम है, भी साजिश का हिस्सा था.
राठौड़, जिसके खिलाफ तीन मामले हैं, जिनमें एक शस्त्र अधिनियम के तहत और दूसरा POCSO अधिनियम के तहत शामिल है, एक अन्य वांछित अपराधी वीरेंद्र चौहान के माध्यम से गोदारा के संपर्क में आया था, जिसने उसे एक अन्य सहयोगी के माध्यम से हथियारों की आपूर्ति की थी.
दिल्ली पुलिस के अन्य अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “चहान और राठौड़ तब संपर्क में आए जब वे 2018 में एक साथ जेल में बंद थे. चहान ने राठौड़ को गोदारा के संपर्क में रखा.”
चैहान एक फरार अपराधी है और उसके नाम पर एक लाख रुपये का पुलिस इनाम है.
करणी सेना के प्रमुख गोगामेड़ी को मंगलवार को जयपुर के श्याम नगर इलाके में उनके घर पर गोली मार दी गई. जैसा कि दिप्रिंट ने पहले रिपोर्ट किया था, शूटर एक कपड़ा व्यवसायी नवीन शेखावत की मदद से घर में घुसे, जो भी उनकी गोलियों का शिकार हो गए.
नितिन फौजी, जिस पर पिछले नवंबर में महेंद्रगढ़ में पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी करने का मामला दर्ज किया गया था, छह से आठ महीने पहले गोदारा के गिरोह में शामिल हो गया था. दिल्ली पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा, “दाना राम रोहित राठौड़ और नितिन ‘फौजी’ को एक साथ लाए और उन्हें साजो-सामान संबंधी सहायता दी.”
उन्होंने आगे कहा, “ये लोग नए रंगरूट हैं जिन्हें गैंगस्टर और गिरोह कड़ी नकदी और वादों से लुभाते हैं.”
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नितिन और राठौड़ की तलाश
जानकारी मिली है कि जब नितिन और राठौड़ हिमाचल प्रदेश के मंडी जा रहे थे, तब उन्होंने मीडिया में अपने नाम और तस्वीरें देखने के बाद और यह जानने के बाद कि पुलिस टीमें मंडी पहुंच गई हैं, अपनी योजना बदलने का फैसला किया.
राजस्थान पुलिस के अनुसार, शूटरों ने हेमराज नामक व्यक्ति की हत्या कर दी और हत्या के बाद दोपहिया वाहन पर अजमेर भाग गए. वहां दोनों की मुलाकात रामवीर जाट नाम के व्यक्ति से हुई, जिसने उन्हें बगरू टोल प्लाजा पर छोड़ दिया, जहां से वे नागौर जाने वाली राजस्थान रोडवेज की बस में चढ़ गए.
जाट को राजस्थान पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया था.
हिरासत में लिए गए डीडवाना के एक अन्य कैब ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि दोनों ने मंगलवार रात चूरू के सुजानगढ़ से दिल्ली जाने वाली बस ली थी. हालांकि, शूटर हरियाणा के धारूहेड़ा में उतर गए और हिसार पहुंच गए. इसके बाद उन्होंने मंडी जाने की योजना बनाई, लेकिन वो चंडीगढ़ में ही रुक गए, जहां से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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