पणजी, सात फरवरी (भाषा) कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को कहा कि अगर गोवा में उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो सरकारी कोष से 500 करोड़ रुपये रोजगार सृजन के लिए जारी किए जाएंगे और सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण मिलेगा।
14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गोवा के नुवेम में एक जनसभा को संबधित करते हुए प्रियंका ने यह भी कहा कि सरकारी नौकरियों के आवंटन में होने वाले ‘घोटालों’ पर लगाम लगाने के लिए एक कर्मचारी चयन आयोग का गठन किया जाएगा।
गोवा के लिए रविवार को जारी कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र का जिक्र करते हुए प्रियंका ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि राज्य में रोजगार सृजन के लिए सरकारी कोष से 500 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि न्याय योजना के तहत पिछड़े तबके के परिवारों को 6,000 रुपये प्रति माह की आर्थिक मदद दी जाएगी, जिससे उन्हें गुजर-बसर करने में मदद मिलेगी और अर्थव्यवस्था में पूंजी का प्रवाह भी होगा।
कांग्रेस ने मडगांव और पणजी में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास बनाने तथा महिलाओं के नेतृत्व वाले पुलिस थानों की संख्या में वृद्धि करने का आश्वासन दिया है।
पार्टी ने यह भी घोषणा की है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों को 80 रुपये प्रति लीटर से ऊपर नहीं जाने दिया जाएगा और अतिरिक्त राशि पर पार्टी सब्सिडी देगी।
2017 के गोवा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन तब भाजपा ने कुछ क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बना ली थी।
प्रियंका ने कहा, ‘आप जानते हैं कि मैं राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए बहुत मेहनत कर रही हूं। उत्तर प्रदेश में हमने 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने की घोषणा की है। ऐसा करने के दो-तीन कारण हैं। महिलाओं की आबादी 50 फीसदी है, इसलिए 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व पाना उनका अधिकार है।’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘यह कोई उपकार नहीं है। यह हमारा अधिकार है। हमें अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि आज की राजनीति गुस्से और नफरत से भरी हुई है। आप जो भाषण सुनते हैं, उनमें से 90 फीसदी नकारात्मक होते हैं। उनमें कोई सकारात्मकता नहीं रहती। मेरा मानना है कि हम महिलाएं ज्यादा व्यावहारिक होने के नाते राजनीति में भी सकारात्मकता और करुणा ला सकती हैं। महिलाओं की अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करनी चाहिए।’
भाषा पारुल नरेश
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