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Friday, 20 September, 2024
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गोवा चुनाव: कांग्रेस का आरोप, केंद्र सरकार सैनिकों के लाभ में कटौती कर रही है

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पणजी, 28 जनवरी (भाषा) कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने सैनिकों के लाभ में कटौती की है और रक्षा क्षेत्रों में 1.22 लाख से अधिक रिक्त पदों को भरने में भी विफल रही है।

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष शिवकुमार ने 14 फरवरी को होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए प्रचार के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, ‘‘(नरेंद्र) मोदी के नेतृत्व वाली सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर रही है क्योंकि रक्षा क्षेत्रों में लगभग 1,22,555 पद खाली हैं। सरकार ने 30 लाख पूर्व सैनिकों को ‘वन रैंक वन पेंशन’ के लाभ से भी वंचित किया है, जबकि कांग्रेस सरकार ने हमेशा हमारे जवानों के हित में काम किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश की सुरक्षा पर राजनीति कर रही है।’’

केपीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के नेतृत्व वाली सरकार ने 17 फरवरी 2014 को वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को मंजूरी दी थी और उसी साल एक अप्रैल से यह प्रभावी हो गया था, लेकिन भाजपा नीत सरकार ने सात नवंबर, 2015 को इसे एक आदेश पारित कर खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एक जुलाई 2014 के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले सैन्य कर्मियों को वन रैंक वन पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।

उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने हर साल 30 लाख सैनिकों की पेंशन में संशोधन की मांग को भी खारिज कर दिया और इस अवधि को बढ़ाकर पांच साल कर दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि भूतपूर्व सैनिक स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) सुविधा के लिए बजट में पिछले साल की तुलना में इस साल 1,990 करोड़ रुपये की कटौती की गई और सरकार ने कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (सीएसडी) की खरीद पर जीएसटी भी लगाया था।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने सैनिकों की ‘दिव्यांगता पेंशन’ पर कर लगाया। यह शर्मनाक है। कांग्रेस ने हमेशा भूतपूर्व सैनिकों के हित में काम किया है, सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियों, कोयला शिपमेंट, परिवहन आदि में काम दिया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार के काम अब समाप्त हो गए हैं क्योंकि मोदी सरकार ऐसी कंपनियों और एजेंसियों का निजीकरण कर रही है, जिससे समाज के कई वर्गों को आरक्षण का नुकसान हो रहा है।

भाषा सुरभि उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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