तिरुवनंतपुरम, 30 अगस्त (भाषा) मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कुम्मानम राजशेखरन ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार वैश्विक अयप्पा संगमम को व्यावसायिक हितों के साथ ‘एक्सपो’ की तरह आयोजित कर रही है, जिसका मकसद भगवान अयप्पा के भक्तों की श्रद्धा और आस्था को भुनाकर पैसा कमाना है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजशेखरन ने दावा किया कि यह कार्यक्रम जिस तरह से आयोजित किया जा रहा है और प्रतिभागियों को जिस तरह से उनकी ओर से दान किए गए लाखों रुपये के आधार पर ‘विशेषाधिकार कार्ड’ जारी किए जा रहे हैं, उससे संकेत मिलता है कि सबरीमला को “पर्यटन और वाणिज्यिक केंद्र” में तब्दील किया जा रहा है।
पूर्व राज्यपाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार भगवान अयप्पा के भक्तों की श्रद्धा और आस्था का दुरुपयोग करके भारी मात्रा में धन कमाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘विशेषाधिकार कार्ड’ जारी कर लाखों-करोड़ों रुपये का दान देने वाले भक्तों को दर्शन और अनुष्ठान में प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि आम श्रद्धालुओं को उनके बाद ही पूजा-अर्चना का मौका मिलेगा।
राजशेखरन ने वैश्विक अयप्पा संगमम के संबंध में राज्य की वामपंथी सरकार का समर्थन करने और उस पर “पूरा भरोसा” जताने के नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) के उपाध्यक्ष एम संगीथ कुमार के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वह यह फैसला उन (एनएसएस) पर छोड़ रहे हैं कि वे किसके साथ खड़े हैं।
भाजपा नेता ने कहा, “मैं उनसे (एनएसएस) सिर्फ भगवान अयप्पा के भक्तों की भावनाओं का सम्मान करने का आग्रह कर सकता हूं। उन्हें इस तथ्य पर भी विचार करना चाहिए कि जिन लोगों ने सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश का विरोध किया था, वे अभी भी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिससे उनका जीवन और आजीविका प्रभावित हुई है।”
उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में उन्हें (एनएसएस) यह निर्णय लेना होगा कि इस आयोजन के संबंध में क्या रुख अपनाना है। मैं उनसे केवल यही अनुरोध कर सकता हूं कि वे इस आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं के विरोध का हिस्सा बनें।”
राजशेखरन ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) पर भी मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया।
भाषा पारुल माधव
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