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Thursday, 3 October, 2024
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जीजेएम ने बंगाल के दायरे में रहकर पहाड़ी क्षेत्र के लिए स्थाई राजनीतिक समाधान की वकालत की

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दार्जीलिंग/कोलकाता, 28 मार्च (भाषा) गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के दायरे में रहते हुए पहाड़ी क्षेत्रों के लिए स्थाई राजनीतिक समाधान तलाशने की वकालत की। इसे जीजेएम द्वारा अलग राज्य की उसकी मांग को फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

जीजेएम महासचिव रोशन गिरि ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कि पार्टी फिलहाल पश्चिम बंगाल के दायरे में रहते हुए पहाड़ी क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करने के लिए एक स्थाई राजनीतिक समाधान चाहती है।

सोमवार को जीजेएम के एक प्रतिनिधिमंडल ने हमरो पार्टी के सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक की, जो उत्तर बंगाल की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं।

अलग राज्य की मांग के बारे में पूछे जाने पर गिरि ने कोई स्पष्ट जवाब देने से इनकार कर दिया। जीजेएम के रुख में परिवर्तन ऐसे समय में हुआ है, जब पहाड़ी क्षेत्र के कुछ भाजपा विधायक एक अलग उत्तर बंगाल राज्य के गठन की मांग कर रहे हैं।

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस सहित कई अन्य राजनीतिक दलों ने जीजेएम के इस कदम का स्वागत किया।

तृणमूल कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुखेंदु शेखर राय ने कहा, ‘‘हम जीजेएम के फैसले का स्वागत करते हैं। पहाड़ी क्षेत्र ने कई दशकों से बहुत खून-खराबा देखा है। हमें उम्मीद है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में क्षेत्र में विकास का एक युग आएगा।’’

हाल ही में अलग दार्जीलिंग राज्य की मांग करने वाले कुर्सेओंग के भाजपा विधायक बिष्णु प्रसाद शर्मा ने दावा किया कि जीजेएम पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जीजेएम ने इस मांग और इस दिशा में लोगों द्वारा दिए गए बलिदान के साथ समझौता किया है। उसने जनता का समर्थन खो दिया है। हम अलग राज्य चाहते हैं। यह स्थानीय निवासियों का सपना है।’’

भाषा पारुल अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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