पटना: केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर विवाद खड़ा करने वाला बयान देते हुए कहा है कि देश आजादी के समय पाकिस्तान बनने के बाद मुसलमानों को वहां नहीं भेज पाने और हिंदुओं को यहां नहीं ला पाने की कीमत चुका रहा है.
भाजपा नेता ने बिहार के सीमांचल क्षेत्र में पूर्णिया जिले में यह बयान दिया जहां मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में है. वह नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में प्रचार कर रहे थे.
कानून की जरूरत बताते हुए सिंह ने गुरूवार देर रात संवाददाताओं से कहा, ‘जब हमारे पूर्वज ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए लड़ रहे थे, जिन्ना एक इस्लामी देश बनाने पर जोर दे रहे थे.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि हमारे पूर्वजों ने एक गलती कर दी. अगर उन्होंने हमारे सभी मुस्लिम भाइयों को पाकिस्तान भेज दिया होता और हिंदुओं को यहां ले आए होते, तो ऐसे कानून की जरूरत हीं नहीं होती. यह नहीं हुआ और हमने इसके लिए भारी कीमत चुकाई है.’
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के प्रावधान वाले सीएए के लागू होने के बाद से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है और देशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन चल रहे हैं. लोगों ने आशंका जताई है कि इस कानून को लागू करने के बाद देशभर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू की जाएगी.
पहले एक समय देशभर में एनआरसी होने का दावा करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार ने अब इस योजना को लगता है कि ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
सिंह के इस बयान पर इस बार राजग में सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी ने भी असहमति जताई है.
शुक्रवार सुबह यहां बिहार में निकलने वाली ‘बिहार प्रथम-बिहारी प्रथम’ यात्रा की शुरूआत करने वाले लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने सिंह के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि भाजपा नेताओं के विभाजनकारी बयानों से गठबंधन को दिल्ली चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा था.
पासवान ने कहा, ‘हम राजग के घटक हैं लेकिन कई बार हमारे सहयोगी नेता ऐसी बातें कह देते हैं जिनसे लोजपा सहमत नहीं होती. यह बयान (गिरिराज सिंह का) एक उदाहरण है. अगर मेरी पार्टी का कोई व्यक्ति इस तरीके से बोलता तो मैं जिम्मेदारी लेता और कार्रवाई करता.’
उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार की सरकार ने बहुत काम किया है, लेकिन अभी और काम किया जाना है. हम भविष्य की अपनी योजनाओं के साथ लोगों तक पहुंचना चाहते हैं.’