नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) पुरातत्वविदों और शोधकर्ताओं की एक टीम ने असम में बलुआ पत्थर से बने 65 विशालकाय एवं रहस्यमयी घड़ों का पता लगाया है, जिनका इस्तेमाल संभवत: प्राचीनकाल में शवों को दफनाने के लिए किया जाता था।
मेघालय के नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी के तिलोक ठाकुरिया और असम की गुवाहाटी यूनिवर्सिटी के उत्तम बथारी के नेतृत्व में एक टीम ने बलुआ पत्थर से बने इन विशालकाय घड़ों का पता लगाया है।
‘‘जर्नल ऑफ एशियन आर्कियोलॉजी’’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कुछ घड़े लंबे और बेलनाकार हैं, जबकि अन्य आंशिक रूप से या पूरी तरह से जमीन में दबे हुए हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक इसी तरह के करीब तीन मीटर लंबे और दो मीटर चौड़ाई वाले घड़े लाओस और इंडोनेशिया में भी मिले थे।
द ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) के पीएचडी छात्र निकोलस स्कोपल ने कहा, ‘‘हम अभी भी नहीं जानते हैं कि यह विशाल घड़े किसने बनाए और वे कहां रहते थे। यह सब एक रहस्य है।’’
शोधकर्ताओं ने कहा कि इन विशाल घड़ों का उपयोग किसलिए किया जाता था, यह अभी भी एक रहस्य है, हालांकि यह संभावना है कि इन घड़ों का इस्तेमाल शवों को दफनाने के लिए किया जाता था।
भाषा रवि कांत मनीषा
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