नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के असेवित क्षेत्रों में स्कूलों और कॉलेजों के लिए स्थानों की पहचान करने से लेकर, अरुणाचल प्रदेश में बिचोम बांध के आसपास क्षेत्र विकास योजना बनाने तक और गुजरात के दाहोद में सिंचाई के लिए जल निकायों की पहचान करने तक – राज्य अब संपत्तियों की पहचान डिजिटली करने, सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे की योजना बनाने के लिए, नियमित रूप से केंद्र की गति शक्ति मास्टर प्लान का उपयोग कर रहे हैं.
पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (NMP) एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहां केंद्रीय मंत्रालयों ने जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (GIS) मानचित्र पर देश में सभी बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिकल फैसिलिटीज का विवरण चित्रित किया है, और इसमें उन वनों/आवासों/अन्य परिसंपत्तियों का डेटा शामिल है, जहां से वे गुजर रहे हैं.
सितंबर 2021 में लॉन्च की गई यह योजना इन सुविधाओं/संपत्तियों पर गौर करती है और केंद्रीय मंत्रालयों/राज्यों को अपनी परियोजनाओं की बेहतर योजना बनाने में मदद करती है. उदाहरण के लिए, बस एक माउस के क्लिक पर, मंत्रालय उसी मार्ग से गुजरने वाली अन्य संपत्तियों के साथ प्रस्तावित परियोजना की कल्पना कर सकते हैं और योजना के तहत किसी भी बाधा के खिलाफ जांच भी कर सकते हैं.
गति शक्ति NMP के लाभ स्पष्ट होने के साथ, राज्य अब आवश्यक डेटा की पहचान करने के विचार को दोहरा रहे हैं, जो उनके भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे की योजना बनाने के लिए प्रासंगिक है.
उत्तर प्रदेश अपने राज्य मास्टर प्लान पोर्टल – जिसे पहुंच कहा जाता है – का उपयोग असेवित क्षेत्रों में नए हाई स्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेजों के निर्माण के लिए स्थानों की पहचान करने के लिए कर रहा है.
सुमिता डावरा, विशेष सचिव, लॉजिस्टिक्स, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने दिप्रिंट को बताया, “गति शक्ति के माध्यम से, कोई भी विभिन्न मंत्रालयों का डेटा देख सकता है. आपको उनके दरवाजे खटखटाने की जरूरत नहीं है, आपको डेटा के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है. डेटा का विज़ुअलाइज़ेशन बेहतर है, जो योजना बनाने में मदद करता है.”
डावरा ने कहा कि यूपी का पहुंच पोर्टल राज्य को यह जानकारी देने में मदद कर रहा है कि वह नए स्कूलों के लिए स्थानों की पहचान करने के लिए गति शक्ति NMP का उपयोग कैसे कर सकता है.
उन्होंने आगे कहा, “यदि राज्य 100 नए हाई स्कूल स्थापित करने की योजना बना रहा है, तो वे गति शक्ति एनएमपी का उपयोग करके यह देख सकते हैं कि स्कूल बस्तियों से कितनी दूरी पर होंगे, और अन्य डेटा परतों जैसे कि स्कूलों के लिए सड़क कनेक्टिविटी, आसपास खेल के मैदान हैं या नहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी की भी जांच कर सकते हैं.”
इसी तरह, दाहोद में, जब अधिकारियों ने गति शक्ति एनएमपी पोर्टल पर जिले की डेटा देखीं, तो उन्हें ऐसे जल निकायों की उपस्थिति का पता चला जिनके बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी क्योंकि ये रेलवे मंत्रालय के अधीन थे.
दावरा ने कहा, “अब, जिला कलेक्टर ने आसपास की भूमि को सिंचित करने के लिए ड्रिप सिंचाई के माध्यम से उस पानी का उपयोग करने की योजना बनाना शुरू कर दिया है. जिला अधिकारी दृश्य के माध्यम से जल निकायों की उपस्थिति से अवगत हुए. यही वह ताकत है जो गति शक्ति लाती है.”
डावरा ने कहा कि एनएमपी का उपयोग करके 300 किलोमीटर लंबे गुजरात तटीय गलियारे की योजना बनाने से मंजूरी के लिए आवश्यक अनापत्ति प्रमाणपत्रों की संख्या 28 से घटकर 13 हो गई है (जैसे कि वन, तटीय विनियमन क्षेत्र, खनन विभाग आदि से).
यह गलियारा चार जिलों – भरूच, सूरत, नवसारी और वलसाड – को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसमें दांडी, उभरत और तीथल जैसे पर्यटन स्थल शामिल होंगे.
पूर्वोत्तर में, अरुणाचल प्रदेश प्रशासन ने गति शक्ति पोर्टल पर देखा कि बिचोम बांध के आसपास खाली भूमि का एक बड़ा हिस्सा ऐसे ही खाली पड़ा हुआ था.
DPIIT के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, “उन्होंने अब बांध के आसपास क्षेत्र विकास की योजना बनाई है. उन्होंने उस क्षेत्र की पहचान की है जहां पर्यटन विकसित किया जा सकता है और बागवानी समूहों को बेहतर कनेक्टिविटी दी जा सकती है.”
अब तक, सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने गति शक्ति एनएमपी को शामिल कर लिया है और डेटा मैपिंग पूरी कर ली है. केंद्रीय स्तर पर, 39 मंत्रालय शामिल हुए हैं, जिनमें से 22 सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालय हैं.
अधिकारी ने कहा, “अब, हमारे चल रहे कार्य का क्षेत्र डेटा की गुणवत्ता है. हमने दिसंबर में केंद्रीय मंत्रालयों के डेटा की गुणवत्ता पर काम शुरू किया – डेटा, सिम्बोलॉजी आदि के मानकीकरण को सुनिश्चित करने के लिए, इन मंत्रालयों में डेटा का उपयोग अच्छी तरह से स्थापित है. सामाजिक क्षेत्र में, स्कूली शिक्षा, महिला एवं बाल विकास में, कौशल का उपयोग बहुत अच्छा है.”
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मंत्रालयों को फायदा
डावरा ने कहा कि अब तक, 22 सामाजिक मंत्रालयों/विभागों को गति शक्ति एनएमपी पोर्टल पर शामिल किया गया है, और 200 से अधिक डेटा परतों को मैप किया गया है, जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं, डाकघर, छात्रावास, कॉलेज, विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह, आदि.
उदाहरण के लिए, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए स्थानों की प्रभावी योजना बनाने के लिए गति शक्ति का उपयोग कर रहा है. एनएमपी पर 10 लाख से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों की पहचान की गई है.
इसी तरह, स्कूल शिक्षा विभाग ने पीएम श्री स्कूलों की पहतान की है और अब देखभाल सुविधाओं – प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनवाड़ियों की प्रासंगिक परतों की मैपिंग पर विचार कर रहा है.
क दूसरे DPIIT अधिकारी ने कहा, वे देख रहे हैं कि पीएम श्री स्कूलों के आसपास आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य केंद्र हैं, ताकि छात्र स्वास्थ्य और विकास के लिए सेवाओं का उपयोग कर सके. आंगनवाड़ी प्रासंगिक हो सकती है क्योंकि मां के साथ वहां छोटा बच्चा होता है या कोई महिला गर्भवती है या फिर बच्चा प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरित हो रहा है.”
डावरा के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रालयों ने अब तक गति शक्ति के इस्तेमाल में महारत हासिल कर ली है.
बुनियादी ढांचे की संपत्तियों का डिजिटल मास्टर प्लान न केवल मंत्रालयों को बेहतर ढंग से संरेखित करने की अनुमति दे रहा है, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर कार्य से पहले परियोजनाओं को संशोधित भी कर रहा है. इससे पहले से ही प्लानिंग करने में भी मदद मिल रही है.
एक उदाहरण देते हुए, डावरा ने कहा कि पुणे-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे बन रहा था और परियोजना डेवलपर्स एनएमपी में देख सकते थे कि बीच में जंगल था.
दावरा ने बताया, “वे क्षेत्र को बायपास करके या सड़क संरेखण को बदलकर जंगल के माध्यम से सड़क को कम करना चाहते हैं. गति शक्ति एनएमपी का उपयोग करके, राजमार्ग मंत्रालय 19 प्रतिशत जंगल बचाने में सक्षम हुआ.”
राजमार्ग मंत्रालय ने जमीनी सर्वेक्षण, भूमि रिकॉर्ड और राजमार्ग संरेखण, परियोजनाओं में समय और लागत बचाने और योजना को अंतिम रूप देने में लगने वाले समय को कम करने के लिए गति शक्ति एनएमपी का उपयोग किया है.
रेल मंत्रालय ने पिछली बार की तुलना में गति शक्ति एनएमपी के उपयोग के माध्यम से आठ गुना तेजी से स्थान सर्वेक्षणों को मंजूरी दी है – पहले उद्धृत DPIIT अधिकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021 में 57 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022 में 447 अंतिम स्थान सर्वेक्षणों की पहचान की गई और उन्हें मंजूरी दी गई.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को पाइपलाइन परियोजनाओं के लिए विस्तृत मार्ग सर्वेक्षण (डीआरएस) के लिए मैन्युअल रूप से 46 रिपोर्ट तैयार करने में छह से नौ महीने लगते थे. अधिकारी ने कहा, लेकिन अब, एनएमपी का उपयोग करके, एक दिन के भीतर एक इलेक्ट्रॉनिक DRS तैयार किया जाता है.
(संपादन: अलमिना खतून)
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