scorecardresearch
Friday, 17 May, 2024
होमदेशआयकर से कस्टम तक, मोदी सरकार के 9 सालों की उपलब्धियों को दिखाने के लिए 'रथ प्रभारी' बनेंगे ब्यूरोक्रेट्स

आयकर से कस्टम तक, मोदी सरकार के 9 सालों की उपलब्धियों को दिखाने के लिए ‘रथ प्रभारी’ बनेंगे ब्यूरोक्रेट्स

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने 2.69 लाख ग्राम पंचायतों को कवर करने वाले 765 जिलों के लिए संयुक्त सचिव, निदेशक, उप सचिव रैंक के अधिकारियों को नामित करने की मांग की है.

Text Size:

नई दिल्ली: 20 नवंबर से दो महीने से कुछ अधिक समय के लिए, आयकर, सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, लेखा परीक्षा और लेखा, वन, डाक, दूरसंचार, भारतीय आर्थिक सेवा और भारतीय सांख्यिकी सेवा सहित केंद्र सरकार की 12 संबद्ध सेवाओं के अधिकारी एक अलग जिम्मेदारी भी संभालेंगे.

उन्हें “रथप्रभारी” (विशेष अधिकारी) के रूप में तैनात किया जाएगा और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले विशेष रूप से सुसज्जित “रथ” के साथ ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ नामक एक विशेष अभियान के हिस्से के रूप में देश की 2.69 लाख ग्राम पंचायतों में घूमेंगे.

यह अभियान 20 नवंबर से 25 जनवरी, 2024 तक ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना और जागरूकता फैलाने और सेवाओं का विस्तार करने के लिए पूरे देश में आयोजित किया जाएगा. दिप्रिंट की जानकारी के मुताबिक यह ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचेगा, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें अभी तक इसका लाभ नहीं मिला है.

विकसित भारत संकल्प यात्रा ऐसे वक्त में शुरू होने वाली है जब अगले महीने शुरू होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल की शुरुआत में संसदीय चुनावों होने वाले हैं जिसमें बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आने के लिए कमर कस रही है.

यह पहली बार नहीं है कि मोदी सरकार ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देने और इसे प्रसारित करने के लिए नौकरशाहों को शामिल किया है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

2014 के बाद से, जब मोदी पहली बार सत्ता में आए, सरकार ने जागरूकता पैदा करने और आकांक्षी जिला कार्यक्रम जैसी अपनी प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए समय-समय पर जिलों में अधिकारियों को तैनात किया है, जिनमें से ज्यादातर भारतीय प्रशासनिक सेवा से रहे हैं.

हालांकि, यह पहली बार है कि सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए आयकर, सीमा शुल्क, सांख्यिकी और वन जैसी संबद्ध सेवाओं के इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों को तैनात किया जा रहा है.


यह भी पढ़ेंः ‘मोरेन’ क्या है, इसके गिरने से सिक्किम की दक्षिण ल्होनक झील में कैसे आई बाढ़ और यह क्यों बनी हुई है खतरा


‘ग्रामीण भारत को टारगेट करने वाली योजनाओं को सभी तक पहुंचाने का विचार’

नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि यह विचार ग्रामीण भारत को लक्षित करने वाली कल्याणकारी योजनाओं, जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), गरीब कल्याण योजना, किसान सम्मान निधि योजना, फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और हाल ही में शुरू की गई विश्वकर्मा योजना सहित अन्य योजनाओं को सभी तक पहुंचाने का है.

अधिकारी ने कहा, “इन योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे सभी तक पहुंचें, एक विशेष अभियान शुरू करने का विचार खुद पीएम मोदी की हालिया कैबिनेट बैठक में आया था.”

कुल मिलाकर, आयकर, सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क (भारतीय राजस्व सेवा), लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, भारतीय वन सेवा, भारतीय डाक सेवा, भारतीय दूरसंचार सेवा, भारतीय आर्थिक सेवा, भारतीय नागरिक लेखा सेवा, भारतीय लागत और लेखा सेवा, भारतीय आयुध निर्माण सेवा, भारतीय सांख्यिकी सेवा, भारतीय डाक और दूरसंचार अकाउंट्स और वित्त सेवा से 170 अधिकारी तैनात किए जाएंगे.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय विकसित भारत संकल्प यात्रा के समन्वय के लिए नोडल मंत्रालय है.

कृषि सचिव के एक पत्र के बाद, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने 17 अक्टूबर को जिला रथप्रभारी के रूप में तैनाती के लिए संबंधित काडर नियंत्रण अधिकारियों से अधिकारियों को नामित करने की मांग की.

कार्मिक मंत्रालय के संचार में कहा गया है, “रथ यात्रा की तैयारियों, योजना, कार्यान्वयन, निगरानी के लिए समन्वय करने के लिए, भारत सरकार के संयुक्त सचिवों, निदेशकों, उप सचिवों को जिला रथप्रभारी (विशेष अधिकारी) के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में, यह अनुरोध किया जाता है कि देश भर में प्रतिनियुक्त विभिन्न सेवाओं से अपेक्षित संख्या में अधिकारियों को संबंधित काडर द्वारा नामित किया जा सकता है.” दिप्रिंट के पास पत्र की एक प्रति है.

मंत्रालय ने कहा है कि अधिकारियों को नामित करते समय, यह सुनिश्चित करने का ध्यान रखा जाना चाहिए कि अधिकारी अल्प सूचना पर कार्य करने के लिए तैयार हों और आवश्यक यात्रा आदि करने के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ हों. विभिन्न राज्यों/जिलों में अधिकारियों की तैनाती जल्द ही की जाएगी.

विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार अभियान ने विपक्षी कांग्रेस की बेचैनी बढ़ा दी है.

कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “चुनाव में जाने वाली सरकार के लिए राजनीतिक प्रचार करने के लिए सिविल सेवकों को कैसे आदेश दिया जा सकता है? आईएएस अधिकारी ‘रथप्रभारी होंगे.’

मई में, भारतीय सेना के समारोह और कल्याण निदेशालय ने भी सैनिकों को सलाह दी थी कि जब वे छुट्टी पर जाएं, तो उन्हें स्वच्छ भारत अभियान और सर्व शिक्षा अभियान जैसी सरकारी योजनाओं के बारे में स्थानीय समुदायों को शिक्षित करने जैसी गतिविधियां करनी चाहिए और राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए सामाजिक सेवा में संलग्न होना चाहिए.

(संपादनः शिव पाण्डेय)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः सिक्किम के पूर्व CM चामलिंग बोले — अगर चुंगथांग बांध ‘घटिया’ है, तो सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की 


 

share & View comments