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Saturday, 28 December, 2024
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फ्रांसीसी कपड़ा कलाकार मौलिन ने भारतीय सिल्क के वैश्वीकरण पर की चर्चा

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कोलकाता, नौ अप्रैल (भाषा) फ्रांस की मशहूर कपड़ा कलाकार इसाबेल मौलिन ने कहा कि अब तक भारतीय सिल्क केवल कपड़े के रूप में लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा था, लेकिन इसका अधिक निर्यात नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वैश्विक रेशम बाजार बदल रहा है और भारत इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकता है।

मौलिन भारत में ‘सिल्क यात्रा’ पर हैं। वह दुनियाभर के प्रमुख रेशम केंद्रों के साथ संभावित सहयोग के लिहाज से मुर्शिदाबाद जैसी जगहों पर बुनकरों की क्षमता का पता लगाना चाहती हैं।

हाल ही में मुर्शिदाबाद का दौरा करने के बाद उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अब तक भारतीय रेशम केवल कपड़े के रूप में भारतीयों की आवश्यकता की पूर्ति कर रहा था और इसका ज्यादा निर्यात नहीं किया गया। लेकिन मुझे यकीन है कि खुले बाजार में भारत विभिन्न क्षेत्रों में रेशम के उपयोग के संबंध में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगा।’’

उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य रेशम उत्पादन के नए तरीके खोजना और जलवायु परिवर्तन का शिकार होने से शहतूत की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारत रेशम का महाद्वीप है, मुर्शिदाबाद समेत अन्य रेशम उत्पादक शहर परिवर्तन की दिशा में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

मौलिन ने कहा, ‘‘वैश्विक रेशम बाजार बदल रहा है और भारत इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि रेशम भविष्य है, लेकिन पारिस्थितिकीय बदलाव के कारण शहतूत के लिए जरूरी जलवायु और पानी को लेकर खतरा उत्पन्न हो गया है।

सिल्क कपड़े के लिये केवल एक धागे से किस तरह अधिक हो सकता है, इसको स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि सिल्क का इस्तेमाल कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) से जुड़ी प्रौद्योगिकी में भी होता है। मौलिन ने कहा कि सिल्क का उपयोग सर्जरी, दंत रोपण और चेहरे की क्रीम में किया जाता है।

उन्होंने कहा कि इसकी तन्यता क्षमता के कारण इसका उपयोग सैनिकों की आंखों को सुरक्षा प्रदान करने वाले उपकरण में किया जाता है। रेशम का उपयोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सर्जरी में किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि चीन में रेशम के कीट अपनी पोषण सामग्री के कारण खाए जाते हैं। मौलिन ने कहा कि इसलिए रेशम खाद्य संकट के दौरान भी एक विकल्प के रूप में मौजूद रहता है।

भाषा संतोष दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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