इंदौर, 24 नवंबर (भाषा) फर्जी पुलिस वाले बन लोगों को ठगने वाले कुछ ऑनलाइन ठगों का पाला ‘डिजिटल अरेस्ट’ की कोशिश के दौरान रविवार को मध्य प्रदेश में इंदौर के असली वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से पड़ गया।
जालसाजों ने पुलिस अधिकारी को “क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग” के आरोप में फोन कॉल के माध्यम से “डिजिटल अरेस्ट” करने का प्रयास किया जबकि वे अपने कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इंदौर अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) राजेश दंडोतिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “फोन करने वाले ने बताया कि मैंने अपने क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग किया है और इसके परिणामस्वरूप मुंबई के अंधेरी वेस्ट पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। मैं उस समय प्रेस ब्रीफिंग कर रहा था। मुझे बताया गया कि मेरा बैंक खाता ब्लॉक कर दिया जाएगा और दो घंटे के भीतर पुलिस थाने आने को कहा गया।”
अधिकारी ने बताया कि उन्होंने फोन करने वाले को बताया कि वह इतने कम समय में इंदौर से मुंबई नहीं आ पाएंगे।
अधिकारी के मुताबिक, “कॉल करने वाले ने मुझसे कहा कि वह पुलिस थाने के किसी व्यक्ति से मेरी बात कराएगा। फिर उसने एक अन्य व्यक्ति से मेरी बात कराई, जिसने मुझे इंतज़ार करने को कहा। उसने कहा कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारी से बात करके देखेगा कि क्या मेरा बयान वीडियो कॉल के जरिए रिकॉर्ड किया जा सकता है। जब उसने मुझे पुलिस की वर्दी में देखा, तो उसने तुरंत वीडियो कॉल काट दिया।”
दंडोतिया ने कहा कि उन्होंने मीडियाकर्मियों से एक वीडियो रिकॉर्ड करने को कहा ताकि लोगों को ऐसे साइबर अपराधों और डिजिटल गिरफ्तारी के बारे में जागरूक किया जा सके।
डिजिटल गिरफ्तारी (डिजिटल अरेस्ट) साइबर अपराधियों की कार्यप्रणाली है, जो किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं, उसे इलेक्ट्रॉनिक निगरानी में रखते हुए एक कमरे में बंद रहने के लिए मजबूर करते हैं और फिर उसे आरोपों से मुक्त करने के बहाने पैसे ऐंठ लेते हैं।
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