नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने के कर्नाटक सरकार के प्रस्ताव को सोमवार को ‘‘असंवैधानिक दुस्साहस’’ करार दिया।
पार्टी ने कहा कि वह इस कदम को वापस लिए जाने तक इसके खिलाफ सभी स्तरों पर संघर्ष करेगी और इसे अदालत में भी चुनौती देगी।
इससे पहले, शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी, जिसके तहत दो करोड़ रुपये तक के (सिविल) कार्यों तथा एक करोड़ रुपये तक के माल/सेवाओं के चार प्रतिशत ठेके मुसलमानों के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
बेंगलुरू दक्षिण लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भाजपा प्रस्तावित असंवैधानिक कदम का दृढ़ता से विरोध करती है और मांग करती है कि सिद्धरमैया सरकार प्रस्तावित असंवैधानिक दुस्साहस को तुरंत वापस ले।’’
सूर्या ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली सरकार का निर्णय कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, विशेषकर राहुल गांधी के निर्देश पर और उनके संरक्षण में मुसलमानों को खुश करने के लिए एक ‘‘सोचा-समझा’’ कदम है।
भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से असंवैधानिक और प्रथम दृष्टया अवैध कृत्य है, जिसे अदालत में चुनौती दी जाएगी। भाजपा विधानसभा के अंदर और बाहर सड़कों पर इस कदम के खिलाफ संघर्ष करेगी। हम संसद में भी इस मुद्दे को उठाएंगे और संसद के बाहर इसका विरोध करेंगे।’’
सूर्या ने आरोप लगाया कि कर्नाटक सरकार का यह कदम राष्ट्रीय अखंडता, एकता और संप्रभुता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अदालत के अंदर इस कदम का विरोध करेंगे। हम कर्नाटक के लोगों के बीच इस लड़ाई को लेकर जाएंगे। जब तक यह असंवैधानिक कदम वापस नहीं लिया जाता, तब तक भाजपा की लड़ाई जारी रहेगी।’’
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अमित पारुल
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