मुंबई, 20 नवंबर (भाषा) बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने यहां एक विशेष अदालत में एक आवेदन दायर कर धनशोधन मामले में उनके खिलाफ जारी कार्यवाही रद्द करने का अनुरोध किया। वाजे ने कहा कि उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए मंजूरी नहीं ली गई।
वाजे ने जेल से दायर किए गए आवेदन में कहा कि उसका मकसद केवल सह-आरोपी और महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के आदेशों का पालन करना था।
पूर्व ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ अधिकारी वाजे ने खुद पर लगे आरोपों को ‘सामान्य और व्यापक’ करार देते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामला रद्द किया जाना चाहिए।
वाजे ने यह भी कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 197 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत सरकारी मंजूरी लिए बिना मामला दर्ज किया गया।
धारा 197 के तहत, उचित प्राधिकरण से स्वीकृति लिए बगैर लोक सेवकों को उनके आधिकारिक कार्यों के लिए अभियुक्त नहीं ठहराया जा सकता।
धनशोधन अधिनियम के तहत मामलों के लिए विशेष न्यायाधीश सत्यनारायण नवंदर ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और सुनवाई की तारीख 25 नवंबर तय की।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, देशमुख ने वाजे के जरिये से मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए। ईडी का आरोप है कि इस धन का शोधन करके नागपुर में स्थित देशमुख परिवार द्वारा नियंत्रित एक शैक्षिक ट्रस्ट श्री साई शिक्षण संस्थान को भेजा गया।
वाजे ‘एंटीलिया’ बम धमकी मामले में मुख्य आरोपी है। इस मामले में मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के बाहर एक कार खड़ी हुई थी, जिसमें विस्फोटक रखा हुआ था। वाजे फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
भाषा जोहेब पवनेश
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