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Tuesday, 24 December, 2024
होमदेशपूर्व पीएम अटल का सपना साकार: खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास

पूर्व पीएम अटल का सपना साकार: खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास

सीएम ने कहा कि हमारा संकल्प है विरासत के साथ विकास इसी लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुएपरियोजना में ऐतिहासिक चंदेलकालीन 42 तालाबों को सहेजने का कार्य किया जायेगा.

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नई दिल्ली: भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है. संघ के स्वयंसेवक, राष्ट्रधर्म के संपादक और जनसंघ व भाजपा के प्रेरक नेता अटल जी ने व्यक्ति, समाज और राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना से देश को सशक्त आधार प्रदान किया.

श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने 20 वर्ष पहले नदियों को जोड़ने की संकल्पना करते हुए देश को सुजलाम-सुफलाम बनाने और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने का सपना देखा था. उनका उद्देश्य देशभर की नदियों को जोड़कर जलराशि का समुचित प्रबंधन और हर बूंद का उपयोग सुनिश्चित करना था. उनकी 100वीं जयंती पर मध्यप्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के माध्यम से जल सुरक्षा का स्थायी समाधान करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आज हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, खजुराहो में देश की पहली महत्वाकांक्षी केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास करेंगे. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है और इसकी विपुल जलराशि से यह परियोजना बुंदेलखंड की जीवन रेखा बनेगी.

नदियां विकसित करने का काम 

यह परियोजना छतरपुर और पन्ना जिले में केन नदी पर विकसित की जा रही है. इसमें पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई एवं 2.13 किलोमीटर लंबाई के दौधन बांध एवं 2 टनल का निर्माण होगा. बांध में 2 हजार 853 मिलियन घन मीटर जल का भंडारण किया जायेगा. इसमें दाब युक्त सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के माध्यम से मध्यप्रदेश के 10 जिले पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया के लगभग 2 हजार ग्रामों में 8.11 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी और लगभग 7 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे. मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिलेगी और 103 मेगावॉट जल विद्युत एवं 27 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा. इसका लाभ संपूर्ण मध्यप्रदेश को मिलेगा.

केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से बुंदेलखंड के हर खेत तक सिंचाई के लिये पानी पहुंचेगा. प्रदेश में बिजली, कृषि, उद्योग और पेयजल के लिये भरपूर पानी उपलब्ध होगा. खेत को पानी मिलने से फसलों का अमृत बरसेगा. किसानों के जीवन में खुशहाली आयेगी और बुंदेलखंड की तस्वीर तथा तकदीर बदलेगी. इस परियोजना से खेती-किसानी, उद्योग, व्यवसाय और पर्यटन को गति मिलेगी जिससे पलायन रुकेगा और नागरिकों का जीवन खुशहाल होगा. जलराशि की विपुलता के साथ बाढ़ तथा सूखा, दोनों समस्याओं का समाधान होगा.

सीएम ने कहा कि हमारा संकल्प है विरासत के साथ विकास इसी लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुएपरियोजना में ऐतिहासिक चंदेलकालीन 42 तालाबों को सहेजने का कार्य किया जायेगा. यह तालाब वर्षाकाल में जल से भर जायेंगे. इससे धरती का जल स्तर बढ़ेगा जिसका लाभ लोगों को मिलेगा.

मध्यप्रदेश कृषि बाहुल्य प्रदेश है. प्रदेश में सिंचाई का रकबा 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर एक करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का हमारा लक्ष्य है. मुझे विश्वास है कि केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से हम इस लक्ष्य को पूर्ण करने में सफल होंगे और बुंदेलखंड की प्रगति के नये द्वार खुलेंगे. इसी विश्वास के साथ मैंने बुंदेलखंड के किसानों से यह आग्रह किया था कि यहां के सूखे का तोड़ निकल जायेगा, किसी भी हाल में अपनी जमीन मत बेचना. मुझे खुशी है कि मेरा वह विश्वास सही साबित हुआ.

सीएम ने कहा, “यह हमारे लिये प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश, इस समय जनकल्याण पर्व मना रहा है. अटल जी के 100वीं जयंती पर त्रिपक्षीय अनुबंध से केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की सौगात प्रदेशवासियों को मिलना अद्भुत संयोग है. मुझे बताते हुए हर्ष है कि कुछ दिनों पूर्व हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना की सौगात दी थी. इस परियोजना में 21 बांध, बैराज निर्मित किये जाएंगे.” उन्होंने आगे कहा, “परियोजना से प्रदेश के 3217 ग्रामों को लाभ मिलेगा. मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा.”

यादव ने आगे कहा कि एक साथ प्रदेश में दो नदी जोड़ो परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाना ऐतिहासिक अवसर है. यह हमारे लिये गर्व की बात है कि इतिहास में बुंदेलखंड शौर्य, पराक्रम, वीरता और बलिदान का प्रतीक है. वीरों की भूमि बुंदेलखंड अब नदी परियोजना से विकास की भूमि के रूप में जानी जायेगी.

उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुये आनंद है कि आज ही के दिन प्रदेश में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और ग्रीन ऊर्जा के प्रति किये गये प्रयास धरातल पर उतरने वाले हैं. पुण्य सलिला मां नर्मदा पर विकसित ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लोकार्पण करेंगे. परियोजना के प्रथम चरण में इस वर्ष अक्टूबर माह से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है.


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