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Sunday, 6 October, 2024
होमदेश‘को-लोकेशन’ मामले में एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक को सात दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा गया

‘को-लोकेशन’ मामले में एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक को सात दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा गया

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नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण को ‘एनएसई को-लोकेशन’ घोटाला मामले में सोमवार को सीबीआई की सात दिन की हिरासत में भेज दिया। अदालत ने कहा कि निष्पक्ष और समुचित जांच के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है।

विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आरोपियों की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।

अदालत ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त आरोपी की हिरासत में पूछताछ के लिए सह-आरोपी आनंद सुब्रमण्यम सहित वर्तमान मामले में शामिल अन्य सह-आरोपियों के साथ साजिश में अपनाए गए विस्तृत तौर-तरीकों का पता लगाने की आवश्यकता होगी।’’

इसने कहा कि सुब्रमण्यम के साथ उनका आमना-सामना कराने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की भी आवश्यकता होगी, जो पहले से ही पुलिस हिरासत में है, ताकि संबंधित लेनदेन के संपूर्ण प्रभावों और संबंधित डिजिटल सबूतों का पता लगाया जा सके।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसलिए, निष्पक्ष और समुचित जांच के लिए इस आरोपी की पुलिस हिरासत की आवश्यकता है, क्योंकि ऐसा करने के लिए उचित और पर्याप्त आधार हैं … न्याय के हित में और निष्पक्ष जांच के लिए, आरोपी चित्रा रामकृष्ण को 14 मार्च, 2022 तक पुलिस हिरासत में भेजा जाता है। उन्हें 14 मार्च, 2022 को अदालत में पेश किया जाएगा।’’

जांच एजेंसी ने रामकृष्ण की 14 दिन की हिरासत मांगी थी।

सीबीआई ने आरोपी को रविवार को तब गिरफ्तार किया था जब शनिवार को अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सीबीआई ने हाल में मामले में रामकृष्ण से पूछताछ की थी। इससे पहले आयकर विभाग ने मुंबई और चेन्नई में रामकृष्ण से जुड़े विभिन्न परिसरों पर छापेमारी की थी।

सीबीआई की ओर से पैरवी इसके अतिरिक्त कानूनी सलाहकार वी. के. शर्मा और वरिष्ठ लोक अभियोजक वी. के. पाठक ने की जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस आरोपी की ओर से पेश हुए।

एनएसई द्वारा प्रदान की जाने वाली ‘को-लोकेशन’ सुविधा में, ब्रोकर अपने सर्वर को स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर रख सकते हैं जिससे उनकी बाजारों तक तेजी से पहुंच हो सके।

आरोप है कि कुछ ब्रोकर ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से एल्गोरिदम और को-लोकेशन सुविधा का दुरुपयोग कर अप्रत्याशित लाभ कमाया।

हिरासत में लिए जाने के अनुरोध संबंधी आवेदन का पेस ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि उनकी मुवक्किल नोटिस के जवाब में कई तारीखों पर सीबीआई की जांच में शामिल हो चुकी हैं और उनका सह-आरोपी सुब्रमण्यम से भी आमना-सामना हो चुका है।

पेस ने कहा कि उनकी मुवक्किल ने जांच में पूरा सहयोग किया है और इसलिए पुलिस हिरासत के लिए कोई आधार नहीं बनता है।

भाषा

देवेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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