कोलकाता, चार जून (भाषा) पूर्व कांग्रेस विधायक शंकर मालाकार बुधवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए जिससे देश की सबसे पुरानी पार्टी को पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में झटका लगा है। पश्चिम बंगाल में वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
उत्तर बंगाल में अनुसूचित जाति समुदाय के एक प्रभावशाली राजनीतिक नेता और 2011 से 2021 के बीच माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी से दो बार विधायक रहे मालाकार वरिष्ठ नेताओं सुब्रत बख्शी और अरूप बिस्वास की मौजूदगी में तृणमूल में शामिल हुए।
पूर्व कांग्रेस विधायक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने तृणमूल में शामिल होने का फैसला किया है क्योंकि यही एकमात्र पार्टी है जो बंगाल में भाजपा और उसकी सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ लड़ रही है।’’
उनके इस कदम को टीएमसी के लिए एक रणनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है, जिसे ऐतिहासिक रूप से उत्तर बंगाल में सियासी जमीन हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा है।
यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त मिली थी। हालांकि उस साल टीएमसी ने राज्य के अधिकांश हिस्सों में जीत हासिल की, लेकिन वह दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जैसे जिलों में अपनी सफलता को दोहराने में विफल रही।
मालाकार, जो दार्जिलिंग के कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के रूप में काम करते थे और जिन्हें कभी इस क्षेत्र में शेष बचे आखिरी जन नेताओं में से एक माना जाता था, 2021 का चुनाव भाजपा नेता से हार गए थे। लेकिन इस हार के बावजूद संगठनकर्ता के रूप में उनका राजनीतिक कद निर्विवाद रूप से कायम है।
कांग्रेस छोड़ने के बारे में मालाकार ने कहा, ‘‘बंगाल में आज कांग्रेस के पास दिशा और जमीनी स्तर पर जुड़ाव का अभाव है। मुझे लगा कि अब समय आ गया है कि ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन किया जाए जो भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे का सक्रिय रूप से विरोध कर रही है।’’
उन्होंने दावा किया कि क्षेत्र में कांग्रेस का प्रभाव कम हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने दशकों तक जमीनी स्तर पर काम किया है, मैं अब बढ़ते असंतोष को अनदेखा नहीं कर सकता।’’
राजनीतिक पर्यवेक्षक उनके इस कदम को टीएमसी द्वारा उत्तर बंगाल में अपनी संगठनात्मक उपस्थिति को मजबूत करने के लिए उठाए गए एक सुनियोजित कदम के रूप में देखते हैं, खासकर अनुसूचित जाति समुदायों के बीच जहां मालाकार का दबदबा है।
मालाकार ने कहा कि वह उत्तर बंगाल में संगठन को मजबूत करने के लिए नेतृत्व के साथ मिलकर काम करेंगे। मालाकार का टीएमसी में प्रवेश पिछले महीने भाजपा को झटका देने वाले घटनाक्रम के बाद हुआ है, जब पूर्व केंद्रीय मंत्री और अलीपुरद्वार के सांसद जॉन बारला भी टीएमसी में शामिल हो गए थे।
उत्तर बंगाल में अनुसूचित जाति समुदाय के बीच अपने मजबूत प्रभाव के लिए जाने जाने वाले मालाकार के तृणमूल में शामिल होने से इस क्षेत्र में पार्टी की संगठनात्मक पहुंच मजबूत होने की उम्मीद है, जहां पार्टी को जमीन हासिल करने के लिए ऐतिहासिक रूप से संघर्ष करना पड़ा है।
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संतोष नरेश
नरेश
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