बहराइच (उप्र), 16 नवंबर (भाषा) बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के मुर्तिहा वन रेंज अंतर्गत अमृतपुर गांव में एक बाघ पकड़ा गया है। वन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मानव वन्यजीव संघर्ष में बृहस्पतिवार को एक किसान की मौत व शुक्रवार को एक किसान के घायल होने के बाद विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था।
प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) सूरज ने पत्रकारों से कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के चलते अधिकारियों की अनुमति से दो स्थानों पर चारे सहित पिंजरे लगाए गए थे।
सूरज ने बताया कि शनिवार को करीब ढाई साल की उम्र का एक नर बाघ मुर्तिहा वन रेंज के अमृतपुर में लगाए गए पिंजरे में कैद हो गया। उसे पिंजरा सहित रेंज कार्यालय में लाकर रखा गया है।
उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सकों ने बाघ का निरीक्षण किया है। बाघ युवा, स्वस्थ और सक्रिय स्थिति में दिख रहा है। बाघ को दोबारा कतर्नियाघाट जंगल में छोड़ा जाए अथवा उसे किसी अन्य जंगल या प्राणि उद्यान में स्थानांतरित किया जाए, इस बारे में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन के लिए पत्र लिखा गया है। अधिकारियों से अनुमति के बाद इसे स्थानांतरित किया जाएगा।
गौरतलब है कि इस सप्ताह कतर्नियाघाट जंगल से सटी कई बस्तियों में वन्यजीव हमलों को लेकर दहशत फैली है। बृहस्पतिवार को हमले से धर्मपुर बेझा निवासी भीखन (55) की मौत हो गई थी, जबकि शुक्रवार को अमृतपुर पुरैना गांव के हरिश्चंद्र (48) गन्ना काटते समय वन्यजीव संघर्ष में घायल हुए थे। कुछ पालतू मवेशियों पर भी हमले की खबरें आती रहीं। धर्मपुर बेझा व अमृतपुर पुरैना गांवों के बीच अधिक दूरी नहीं है।
ग्रामीण इसे बाघ का हमला बता रहे थे जबकि वन विभाग के अनुसार दोनों हमले तेंदुओं ने किए थे। वन विभाग के एक अन्य सूत्र ने बताया कि लगातार हो रही वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के बाद ग्रामीण आक्रोशित थे और वन्यजीव को पकड़ने की मांग कर रहे थे। वनकर्मियों ने इलाके में दो पिंजरे, कैमरा ट्रैप और फॉग लाइटें लगाकर वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी है।
भाषा सं आनन्द शोभना सुरभि
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