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Tuesday, 2 September, 2025
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हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से तबाही 2023 से अधिक, लेकिन हताहतों की संख्या कम: सुक्खू

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शिमला, 30 अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण भारी बारिश से होने वाली आपदाओं में जनहानि 2023 की तुलना में अपेक्षाकृत कम हुई है, जबकि इस साल विनाश का स्तर काफी अधिक है।

चंबा और कांगड़ा जिलों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में दो साल पहले आई बाढ़ की तुलना में सड़क, बिजली, जलापूर्ति और संचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘इस वर्ष पूरा राज्य लगातार बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से हुई तबाही से प्रभावित हुआ है। पुनर्वास राज्य सरकार के लिए एक चुनौती था, लेकिन लोगों के सहयोग से हम इसे साहसपूर्वक पार कर लेंगे। बेघर हो चुके और आजीविका के सभी साधन खो चुके परिवारों का पुनर्वास करना हमारी जिम्मेदारी है और हम उनकी सहायता के लिए एक विशेष राहत पैकेज की पेशकश करेंगे।’’

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह जमीनी स्तर पर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन लोगों को सुरक्षित निकाल रही है जो चंबा और भरमौर के रास्ते में विभिन्न स्थानों पर बाढ़ के कारण सड़कें बह जाने के कारण बीच रास्ते में फंस गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘चंबा जिला प्रशासन को यथाशीघ्र सड़क संपर्क बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन मौसम एक चुनौती बन रहा है। भरमौर क्षेत्र में फंसे लोगों को निकालना भी अनुकूल मौसम पर निर्भर है, हालांकि इस उद्देश्य के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।’’

उन्होंने बताया कि बहाली कार्यों के लिए जिले में उत्खनन मशीनें और अन्य भारी मशीनरी तैनात की गई हैं।

प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की भी आलोचना की और कहा कि वे संकटग्रस्त लोगों को सहायता देने के बजाय अफवाहें फैलाने में व्यस्त हैं।

उन्होंने राज्य में बादल फटने की लगातार घटनाओं के कारणों का पता लगाने के लिए एक अध्ययन कराने पर भी ज़ोर दिया और कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के साथ अपनी हालिया बैठक के दौरान, उन्होंने केंद्र से इस मामले की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समूह बनाने का अनुरोध किया।

मणिमहेश यात्रा पर गए हज़ारों तीर्थयात्री अब भी चंबा ज़िले में फंसे हुए हैं, जिनमें से ज़्यादातर भरमौर क्षेत्र में फंसे हुए हैं।

पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश के कारण 560 सड़कें बंद हो गई हैं। इनमें चंडीगढ़-मनाली मार्ग, पुराना हिंदुस्तान तिब्बत मार्ग, मंडी-धर्मपुर मार्ग और औट-सैंज मार्ग जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं।

चंडीगढ़-कुल्लू मार्ग पर हनोगी माता मंदिर के पास भूस्खलन के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग फिर से बंद हो गया, जिससे दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गईं।

इस बीच, मनाली शहर में स्थिति अभी भी नहीं सुधरी है, जहां पिछले पांच दिनों में भारी तबाही देखी गई थी।

भाषा अमित नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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