scorecardresearch
Thursday, 27 November, 2025
होमदेशनालंदा साहित्य महोत्सव का पहला संस्करण 21-25 दिसंबर तक

नालंदा साहित्य महोत्सव का पहला संस्करण 21-25 दिसंबर तक

Text Size:

नालंदा, 27 नवंबर (भाषा) नालंदा साहित्य महोत्सव (एनएलएफ) का प्रथम संस्करण 21 से 25 दिसंबर तक बिहार के राजगीर में आयोजित किया जाएगा।

आयोजकों की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि इस महोत्सव का उद्देश्य भारत की सभ्यतागत विरासत, भाषाई विविधता और साहित्यिक परंपराओं को प्रोत्साहित करना है।

बयान में कहा गया है कि यह महोत्सव “अतीत की ज्ञान-परंपरा और वर्तमान की सृजनात्मकता” के बीच सेतु का कार्य करेगा तथा “विचारोत्तेजक सत्रों, सहभागितापूर्ण कार्यशालाओं और विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों” के माध्यम से दर्शकों को जोड़ने का प्रयास करेगा।

एनएलएफ में पूर्वोत्तर भारत को समर्पित एक विशेष परिचर्चा आयोजित किया जाएगा, जिसमें जनजातीय भाषाओं, अभिलेखों और ‘सेवेन सिस्टर्स’ के भाषाई विकास की जीवंत यात्रा को प्रमुखता दी जाएगी।

कांग्रेस सांसद और लेखक शशि थरूर प्रो. सचिन चतुर्वेदी के साथ साहित्यिक संवाद करेंगे। फिल्मकार अडूर गोपालकृष्णन की बातचीत नवीन चौधरी के साथ होगी, जबकि अभिनेता अनुपम खेर के साथ सच्चिदानंद जोशी के संवाद करेंगे।

महोत्सव के निदेशक गंगा कुमार ने कहा, “हम चाहते हैं कि नालंदा साहित्य महोत्सव केवल सत्रों और चर्चाओं तक सीमित न रहे, बल्कि यह ऐसा अनुभव बने जो लोगों को भारत की सभ्यतागत कथा से भावनात्मक रूप से जोड़ सके।”

आयोजकों के अनुसार कार्यक्रम राजगीर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा। एनएलएफ के बयान के मुताबिक, यह महोत्सव “भारत की ज्ञान-परंपरा, संस्कृति और विरासत के वैभव का उत्सव” उस स्थल पर मनाएगा, जो कभी विश्व का प्रमुख शिक्षाकेंद्र माना जाता था।

महोत्सव के क्यूरेटर पंकज दुबे ने कहा, “नालंदा में महोत्सव का क्यूरेशन करना मानो प्राचीन आवाज को नए शब्द देना है। यह दुनिया को भारत की कालजयी कथा-परंपरा से दोबारा परिचित कराने का अवसर है, जहां ज्ञान, इतिहास और सृजनशीलता एक साथ मिलते हैं।”

यह महोत्सव विश्व धरोहर स्थल प्राचीन नालंदा महाविहार की पृष्ठभूमि में आयोजित होगा।

आयोजकों के अनुसार इस कार्यक्रम का उद्देश्य “भारत की सभ्यतागत धरोहर, भाषाई विविधता और साहित्यिक परंपराओं को बढ़ावा देना तथा नई पीढ़ी को विचार, रचनात्मकता और संवाद के प्रति प्रेरित करना” है।

महोत्सव के प्रत्येक दिन की शुरुआत बिहार स्कूल ऑफ योग द्वारा संचालित योग एवं ध्यान सत्रों से होगी। प्रतिदिन के कार्यक्रम का समापन लाइव सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से होगा, जिसमें एक दिन विशेष रूप से सोनल मानसिंह का प्रदर्शन निर्धारित है।

नालंदा साहित्य महोत्सव की वेबसाइट और बुकमायशो पर पंजीकरण और टिकट बुकिंग शुरू हो चुकी है।

भाषा कैलाश रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments